कानपुर(ब्यूरो)। देवशयनी एकादशी से देवोत्थानी एकादशी तक जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में रहेंगे। इस बार श्रावण मास दो माह का होने के कारण चातुर्मास पांच माह तक रहेगा। इस कारण सभी प्रकार के मांगलिक कार्य गुरुवार से बंद हो गए। हालांकि चातुर्मास में सृष्टि का संचालन महादेव करते हैं इसलिए धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, हवन, पूजन विधिवत आयोजित होते रहेंगे। 23 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे और मांगलिक कार्य की शुरुआत होगी।

इन दिनों संतों का आवागमन भी स्थगित

गुरुवार को देवशयनी एकादशी पर भक्तों ने घरों में भगवान विष्णु का विधिवत पूजन अर्चन किया। दूध, घी, दही, शहद, गंगाजल से बने पंचामृत से भगवान के विग्रह को स्नान कराया। 29 जून को स्वाति नक्षत्र में भगवान विष्णु पांच महीने की योग निद्रा में गए हैं। इस दौरान विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, दीक्षाग्रहण और गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। भगवान का पूजन अर्चन और धार्मिक अनुष्ठान बड़ी संख्या में आयोजित किए जाएंगे। चातुर्मास के दिनों में तप, ध्यान, दान और रामायण और गीता का पाठ करना चाहिए। इन दिनों में संत आवागमन भी स्थगित हो जाता है। इसलिए संत सेवा का अवसर उठाना चाहिए।

तीन जुलाई को होगा गुरु पूजन

तीन जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पूजन शहर में किया जाएगा। गुरु परंपरा का पालन करने वाले अपने-अपने गुरुजन का पूजन विधिवत करेंगे। उसके अगले दिन चार जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो जाएगी। बाबा आनंदेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, खेरेश्वर मंदिर, जागेश्वर महादेव मंदिर सहित शहर के सभी प्रमुख शिवालयों में आस्था का संगम उमड़ेगा। शिवालयों में श्रावण मास की तैयारी शुरू हो गई है।