कानपुर(ब्यूरो)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक माइक्रोवेव मेटामैटेरियल आब्जर्वर और विधि के लिए सुरक्षात्मक परत को डेवलप किया है। यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को रोकने का काम करेगी। अगर इसको डिफेंस यूज में लाया जाता है तो यह दुश्मन के राडार को सिग्नल रिसीव करने से रोकेगा। वहीं, अगर इसका यूज विंडों में किया जाता है तो यह ह्यूमन के लिए हार्मफुल रेडिएशन को उसके पास आने में रोकने का काम करेगा। इसको भारतीय पेटेंट संख्या 445111 मिला है।

इनके योगदान से संभव
इस आविष्कार में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सीनियर रिसर्च स्टूडेंट डॉ। काजल चौधरी ने विशेष सहयोग किया है। इसके अलावा प्रोफेसर जनकराजन रामकुमार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो। एस अनंत रामकृष्ण, फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रवीण सी राममूर्ति, मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईएससी बेंगलूरु और प्रोफेसर कुमार वैभव श्रीवास्तव, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी कानपुर का योगदान रहा।

यह काम करेगा आब्जर्वर
आईआईटी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि तीव्र तरंगों और रडार बेस्ड टेक्नोलॉजी के युग में परावर्तित तरंगों के माध्यम से वस्तुओं का पता लगाने की क्षमता तेजी से इस्तेमाल हो रही है। हालाँकि, कुछ अनुप्रयोगों सैन्य और नागरिक दोनों में सामग्रियों की उपस्थिति को छिपाने की आवश्यकता होती है। इससे माइक्रोवेव मेटामटेरियल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक अवशोषक पर गहन शोध हुआ है, विशेष रूप से उनके लिए जो अपने डिजाइन में पारदर्शी प्रवाहकीय फिल्मों का उपयोग करते हैं।