- 26 लोगों की कानपुर में एटीएस ने कराई गई शिनाख्त परेड, अलग-अलग इलाकों से लाए गए संदिग्ध

- कुछ लोगों को मिनहाज ने पहचाना तो कुछ लोगों ने मिनहाज को, सूरत शिनाख्त के दौरान मुस्कुराता रहा

kanpur : रिमांड अवधि के दो दिन मिनहाज के लिए भारी पड़ सकते हैं ऐसा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पहले ही प्रकाशित कर दिया था। मंडे देर रात से ट्यूजडे सुबह तक एटीएस ने कानपुर के बाबूपुरवा, मछरिया, नौबस्ता, चमनगंज, बेकनगंज और हीरामन का पुरवा निवासी 26 लोगों को इकट्ठा कर लिया। इनको शहर के आउटर में पांच जगह अलग-अलग रखा गया। ये वे लोग हैं जिनके मिनहाज के संपर्क और संबंध थे। ट्यूजडे सुबह 10 बजे से शिनाख्त परेड शुरू की गई। एक जगह पर 40 मिनट का समय दिया गया। इन 26 लोगों के अलावा इन इलाके के लोगों को भी टीम ने कलेक्ट करके रखा था। शाम पांच बजे तक शिनाख्त परेड हुई। जिसमें कुछ लोगों को देखकर मिनहाज मुस्कराया और कुछ लोगों से उसने सलाम भी किया हालांकि ये सूरत शिनाख्त का तरीका भी होता है। एटीएस सूत्रों की माने तो इस दौरान मिनहाज कुछ नहीं बोला बस मुस्कुराता रहा। एक जगह से दूसरी जगह जाने के दौरान उसने कहा कि यूं ही चलता रहेगा जेहाद का सिलसिला।

होगी इलेक्ट्रानिक निगहबानी

एटीएस ने जिन लोगों की सूरत शिनाख्त कराई है। उनसे कानपुर छोड़ने के लिए साफ मना कर दिया है। एक फार्म भरवाया गया है जिसमें नाम पिता का नाम, पड़ोसी की जानकारी, दो रिश्तेदारों की जानकारी भरवाई गई है। दो जमानतगीर हर किसी ने दिए हैं इनमें से जिनके पास पासपोर्ट था, जब्त कर लिया गया है। चार के पास लाइसेंसी असलहे थे वे भी थाने में जमा करा दिए गए। एटीएस सूत्रों की माने तो टीम के लोग इनकी लगातार इलेक्ट्रानिक निगहबानी करते रहेंगे। इन सभी लोगों की घेराबंदी कर ली गई है। इन सभी को चेतावनी दी गई है कि अगर मोबाइल किसी वजह से बंद करते हैं तो पहले इस नंबर पर मैसेज छोड़ना होगा। कानपुर छोड़ने से पहले उचित वजह होनी चाहिए। बेवजह कानपुर छोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी और इसे देशद्रोह समझा जाएगा।

सूरत शिनाख्त में मिले छह संदिग्ध

सूरत शिनाख्त के दौरान मिले छह संदिग्धों को टीम अपने साथ ले गई है। वे वही लोग हैं जिनके खातों से डायरेक्ट या इन डायरेक्ट फंडिंग की गई है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कंट्रीमेड असलहा दिलाने में मिनहाज की मदद की थी। गनपाउडर कनेक्शन मिलने की वजह से शहर का एक मशहूर आतिशबाज भी एटीएस की पूछताछ के घेरे में है। इन सभी से दो दिन बाद पूछताछ की जाएगी। हालांकि एटीएस सूुत्रों की माने रिमांड के आखिरी दिनों में आरोपी को उन स्थानों पर ले जाया जाता है, जहां से कोई न कोई संपर्क निकल कर सामने आता है।

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कोई न कोई तो टारगेट को पूरा करेगा

- जेहाद की ट्रेनिंग के लिए उसके साथ 14 लोग गए

: 12 दिन की पूछताछ में एटीएस की टीम को केवल एक बात परेशान कर रही है। एटीएस सूत्रों की माने तो पूछताछ के दौैरान मिनहाज ने एक डॉयलाग कई बार बोला कि कोई न कोई तो टारगेट को पूरा करेगा, आज नहीं तो कल कोई न कोई पाक परवरदिगार की बारगाह का कारिंदा कहलाएगा।

साथ में ली थी 14 लोगों ने ट्रेनिंग

मिनहाज ने अपने बयानों में बताया कि जेहाद की ट्रेनिंग के लिए उसके साथ 14 लोग गए थे। सभी कश्मीर में मिले थे। इनमें से न किसी को वह पहले से जानता था और न ही बाद में जानने की कोई जरूरत समझी। ट्रेनिंग के समय नकाब पहनाया जाता है और किसी को एक दूसरे से बात करने नहीं दी जाती थी। ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर के अलावा कैंप में मौजूद और लोग इस बात का ध्यान रखते हैं। मिनजाह ने एटीएस को बताया कि कभी उनकी बैठक नहीं होती थी। इस वजह से संगठन के लोगों की कोई जानकारी नहीं है।

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कुछ वीआईपी निशाने पर

एटीएस सूत्रों की माने तो गजावत-उल- हिंद संगठन की जिम्मेदारी चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने की होती थी। कुछ दिन बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ा दी गईं। उमर हलमंडी ऑनलाइन बैठक कर उन्हें निर्देश देता था। जिस जगह से वह बैठकर निर्देश देता था वह फौज कमांड सेंटर की तरह लगता था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का होने की वजह से वह खड़ी भाषा में बोलता था। कुछ साल पड़ोसी देश में रहने की वजह से उसकी भाषा में विदेशी शब्दों का इस्तेमाल होता था।

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उमर हलमंडी टारगेट, मिले कुछ अहम क्लू

एटीएस सूत्रों की माने तो अब उनका फोकस उमर हलमंडी पर है। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस से उस पर नजर रखी जा रही है। जल्दी ही वह एटीएस के राडार पर होगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो हलमंडी एटीएस के कब्जे में अगले 10 से 15 दिन में आ जाएगा। कानपुर के संस्थानों के मैप्स पर भी एटीएस काम कर रही है? किसकी मदद से ये मैप्स बनाए गए हैं। इसकी जानकारी एटीएस को हो गई है। जल्द ही संदिग्धों के इन मददगारों पर एटीएस कहर बनकर टूटेगी। जानकारी मिली है कि कुछ रुपयों के लालच में संदिग्धों की मदद की गई है।