KANPUR : हैलट बवाल में पुलिस ने भले ही दबाब में एमएलए इरफान सोलंकी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह अभी भी सवाल बना हुआ है। पुलिस ने मुकदमे के ख्ब् घंटे बाद भी उनको गिरफ्तार नहीं किया है। जिससे पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं, जबकि कानून विशेषज्ञों की राय में उनकी गिरफ्तारी हो जानी चाहिए।

अब किस बात का इंतजार ?

हैलट के बाहर ख्8 फरवरी को जूनियर डॉक्टर्स और एमएलए का झगड़ा हो गया था। जिसमें पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए दो दर्जन जूनियर डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इधर, हाईकोर्ट के मामले को स्वत: संज्ञान लेने पर शासन ने आनन फानन में एसएसपी को हटाकर आरोपियों की रिहाई करायी। जिसके बाद डॉक्टर शुभम कुमार ने एमएलए के खिलाफ स्वरूपनगर थाने में तहरीर दी। जिसके बाद पुलिस ने एमएलए के खिलाफ धारा फ्07 (हत्या का प्रयास) समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन पुलिस ने उनको अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

पीडि़त खुद गवाह

एसओ का कहना है कि अभी मामले की विवेचना की जा रही है। जिसमें एमएलए के खिलाफ सबूत मिलने पर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। एडवोकेट अनन्त शर्मा के मुताबिक, आईपीसी की धारा फ्07 में जुर्म साबित होने पर सात साल से अधिक सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। पुलिस को तुरन्त उनकी गिरफ्तारी करनी चाहिए। सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा का कहना है कि पुलिस विवेचना के बहाने उनकी गिरफ्तारी से बच रही है। एडवोकेट टीनू शुक्ला का कहना है कि हत्या के प्रयास के मसले में पीडि़त खुद गवाह होता है। पुलिस पीडि़त का बयान दर्ज कर एमएलए की गिरफ्तारी कर सकती है। इसके लिए पुलिस को विधानसभा अध्यक्ष से परमीशन भी लेनी होगी। सवाल है, कि पुलिस के सामने ठोस सबूत हैं। इसके बाद भी एमएलए की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है। इससे पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहा है।

हाईकोर्ट जा सकते हैं एमएलए

हैलट बवाल के जूनियर डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज होने से एमएलए इरफान सोलंकी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते है। सोर्सेज के मुताबिक एमएलए ने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए कई कानून विशेषज्ञों से सलाह ली है। जिसमें उनको सीनियर एडवोकेट ने उनको हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है।