कानपुर (ब्यूरो) 15 से 31 जनवरी के बीच कमिश्नरेट में तैनात 6253 पुलिसकर्मियों का एनुअल मेडिकल हुआ है। कम्पयूटर पर घंटों तक काम करने वाले साइबर सेल के सिपाहियों में सर्वाइकल और नेत्र रोग की शिकायत मिली है तो कई घंटों तक गश्त करने वाले और अपराधियों की धरपकड़ करने वाले पुलिस कर्मियों के हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी भी मिली है। ज्यादा प्रदूषित माहौल में काम करने की वजह से कई को सांस की बीमारी भी हो गई है। डॉक्टर की रेस्ट करने की सलाह के बाद भी ये पुलिसकर्मी ड्यूटी करने को मजबूर हैं। क्योंकि पुलिस की नौकरी में छुट्टी की गुंजाइश न के बराबर है।

दवा खाकर कर रहे नौकरी
घर पविार से दूर, लंबी ड्यूटी और अपराध होने पर अधिकारियों की डांट-डपट ही पुलिसकर्मियों की जिंदगी बन गई है। पुलिस अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर पुलिसकर्मी शुगर और बीपी की दवा लेकर नौकरी कर रहे हैैं। पुलिस अस्पताल में चेकअप कराने आए एक दारोगा ने बताया कि अब आपसे क्या छिपा है? नौकरी के साथ खुलासे का दबाव भी रहता है। तलवार की धार पर नौकरी करनी होती है। इलाके के नेताओं को भी खुश रखना पड़ता है और अधिकारियों को भी। ऐसे में नौकरी देखें या फिर सेहत।

प्रदूषण भी बन रहा मुसीबत
कानपुर की गिनती ज्यादा प्रदूषित जिलों में होती है। अनफिट पुलिसकर्मियों में बड़ी संख्या ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की भी है। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से बात करने पर बताया गया कि कोहरा, धूल और धुंध में 8 से 12 घंटे ड्यूटी करने की वजह से आंखों की रोशनी और सांस की बीमारियां हो रही हैैं। ड्यूटी के दौरान जान हथेली पर रखकर सडक़ पर ट्रैफिक कंट्रोल करते हैैं। प्रदूषण की वजह से सेहत खराब हो रही है। अस्पताल की अन्य डॉक्टर्स ने बताया कि 80 फीसद पुलिस कर्मी शराब, सिगरेट और गुटखा के साथ खैनी के लती होते हैैं। इस वजह से सांस के साथ इंटर्नल ऑर्गन खराब होने की शिकायत मिली है। इनको नशे से दूर रहने की सलाह दी गई है।

एक नजर में कमिश्मनरेट की पुलिस
कुल पुलिसकर्मी : 6253
1254 पुलिस कर्मी डायबिटीज का शिकार
1122 पुलिसकर्मियों को बीपी की शिकायत
1654 में एंजाइटी की प्रॉब्लम पाई गई
2465 पुलिसकर्मियों को शुगर और बीपी दोनों
1232 में सांस फूलने की शिकायत
0097 में इंटर्नल आर्गन्स की प्रॉबलम
3352 पुलिकर्मी ओवरवेट का शिकार
738 पुलिसकर्मियों की आंखों में समस्या

50 फीसद से ज्यादा पुलिस कर्मी बीमार मिले हैैं। जिनको मेडिकल सार्टिफिकेट के साथ स्वास्थ्य में सुधार के लिए जरूरी सुझाव भी दिए गए हैं।
डॉ। शुभा मिश्रा, सीएमएस पुलिस अस्पताल