कानपुर(ब्यूरो)। बदली और वर्षा के बीच ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर ईदगाहों व मस्जिदों में नमाज अदा की गई। संख्या अधिक होने के कारण कई मस्जिदों में दो से तीन बार में नमाज अदा कराई गई। सुजातगंज ईदगाह में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी सामूहिक रूप से नमाज अदा की। कहीं भी सडक़ पर नमाज नहीं होने दी गई। नमाज के बाद देश में खुशहाली, अमन और भाईचारे की दुआ की गई। हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाने, पानी व खाना बर्बाद न करने की अपील भी की गई। नमाज के बाद कुर्बानी दी गई। सुरक्षा को लेकर पुलिस बल तैनात रहा।

छह बजे से ही आने लगे

ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए गुरुवार सुबह जल्दी ईदगाहों व मस्जिदों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। बेनाझाबर स्थित मरकजी ईदगाह में सुबह 7:30 बजे नमाज का समय निर्धारित था। यहां छह बजे से ही लोग आना शुरू हो गए। मौलाना शकील ने नमाज अदा कराई। ईदगाह के बाहर सडक़ पर सन्नाटा रहा। आरएएफ के साथ पुलिस बल तैनात रहा। मरकजी ईदगाह में लाउडस्पीकर परिसर के बाहर नहीं लगाए गए। यहां सीसी कैमरों से निगरानी की गई। ईदगाह के बाहर सडक़ के दूसरी तरफ प्रशासन, सामाजिक व राजनैतिक संगठनों के शिविर भी लगाए गए।

जीवन में एक पौधा जरूर लगाएं

ईदगाह गद्दियाना में नमाज से पहले मौलाना हाशिम अशरफी ने अपील की कि बेवजह पानी न बहाएं, शादियों में खाना बर्बाद ना करें, बचे हुए खाने को पैक करके जरूरतमंदों को दें। जीवन में एक पौधा जरूर लगाएं। बगाही ईदगाह मैदान व फेथफुलगंज ईदगाह में पानी भरने से नमाज नहीं हो पाई। इस क्षेत्र की मस्जिदों में दो से तीन बार नमाज हुई। इस वर्ष ईदगाह चांदमारी में होने वाली नमाज ओमपुरवा सैय्यद बाबा मजार के पीछे कब्रिस्तान के पास मैदान में पढ़ी गई।