कानपुर (ब्यूरो)। थर्सडे को पेश हुए आम बजट में रेलवे को तीन नए कॉरीडोर नए मिलने के बाद 40 हजार पैसेंजर कोच वंदेभारत के स्टैंडर्ड पर अपग्रेड किए जाने की घोषणा की है। वहीं अगर हम बीते वर्ष के रेलवे में विभिन्न सुविधाओं व नए कार्य हो लेकर की कई घोषणा की बात करे तो कई प्रोजेक्ट ऐसे है। जिनका सर्वे भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है.कानपुर-लखनऊ डबल ट्रैक को फोर ट्रैक करने की योजना की घोषणा तीन साल पहले हुई थी। वर्तमान में इन प्रोजेक्ट का डीपीआर तक तैयार हुआ है।

भीमसेन से जूही तक ऐलीवेटेड ट्रैक की फाइल पर धूल

बीते पांच साल पहले दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों का गोविंदपुरी में मुम्बई रूट की ट्रेनों से होने वाले फंसाव को खत्म करने के लिए भीमसेन से जूही यार्ड तक ऐलीवेटेड ट्रैक बनाने का योजना बनाई थी। जिसको लेकर एक बाद सर्वे की डीपीआर भी तैयार हुई लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट धरातल में नहीं उतरा, लिहाजा आज भी रेल पैसेंजर्स को विभिन्न समस्याएं फेस करनी पड़ रही हैं।

मंधना ट्रैक का फैसला राम भरोसे

अनवरगंज-मंधना रेल ट्रैक कानपुराइट्स के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। रेल क्रासिंग बंद होने की वजह से जीटी रोड में हमेशा जाम की समस्या कानपुराइट्स को फेस करनी पड़ती है। सिटी के जनप्रतिनिधियों व व्यापारियों ने इसको हटाने या फिर मंधना से अनवरगंज तक ऐलीवेटेड ट्रैक बनाने को लेकर काफी लड़ाई लड़ी, जिसमें रेलवे ने मंधना से अनवरगंज तक एलीवेटेड ट्रैक बनाने की योजना बनाई थी। पहले करोड़ रुपए प्रोजेक्ट कास्ट बताई गई थी, अब .करोड़ के लगभग बताया जा रहा है। हालांकि प्रोजेक्ट अब तक सिर्फ फाइलों में हैं।

लोकल की तर्ज में वंदेभारत ट्रेनों का संचालन

2022 में जारी आम बजट में कानपुर-लखनऊ के बीच लोकल की तर्ज में वंदेभारत ट्रेनों का संचालन करने की घोषणा की गई थी। यह वादा भी अभी तक फाइलों में ही है। इस प्रोजेक्ट को लेकर घोषणा के बाद से भी तक कोई कार्य नहीं किया गया है। रेलवे आफिसर्स का कहना है कि वंदेभारत के कोच अभी सीमित है। लिहाजा भविष्य में कोच की संख्या पर्याप्त होने पर योजना पर काम किया जाएगा।

साउथ इंडिया के लिए नहीं मिली कानपुर से सीधी ट्रेन

कानपुर से साउथ इंडिया के लिए एक भी ट्रेन का संचालन नहीं होती है। जबकि यह दिल्ली-हावड़ा रूट का सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन व देश के चार सेंट्रल स्टेशन में एक है। पैसेंजर्स की डिमांड पर रेलवे बोर्ड चेयरमैन व रेलमंत्री ने बीते दिनों कानपुर से चेन्नई एक ट्रेन का संचालन करने का आश्वासन दिया था। जोकि आज भी संभव नहीं हुआ।