कानपुर(ब्यूरो)। अमेरिकी एम्बेसी में कार्यरत एक कर्मी की बेटी का नई दिल्ली गरीब रथ एक्सप्रेस में हैंड पर्स गलती से छूट गया था। कोच के टॉयलेट के पास वॉस बेसिन पर बैग रखा देख ट्रेन में तैनात स्कार्ट आरपीएफ सिपाहियों ने उसे उठा लिया। इसके बाद दिल्ली जाकर पीडि़ता को सौंपा। उन्होंने आरपीएफ टीम को धन्यवाद दिया। जीएमसी यार्ड आरपीएफ इंस्पेक्टर सुरुचि शर्मा ने बताया कि आठ जुलाई को गरीब रथ में आरपीएफ के हेड कांस्टेबल उमाशंकर शुक्ल व रामबाबू सिंह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से कानपुर सेंट्रल तक ड्यूटी पर थे।
टेबलेट पर आया फोन
उन्हें कोच संख्या जी-15 में टॉयलेट के पास एक बैग मिला। कोच अटेंडेंट रवि गुप्ता व यात्री भी बैग के बारे में कुछ नहीं बता सके। बैग में दो टेबलेट, तीन आधार कार्ड, एक ब्लूटूथ व कोडरमा से आनंद विहार तक का ट्रेन का टिकट मिला। कुछ देर बाद टेबलेट पर फोन आया, जिससे पता चला कि बैग संगीता देवी का है। उन्होंने नई दिल्ली तक सामान भिजवाने की गुजारिश की। इस पर नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के जरिए मंडे को बैग व सामान संगीता के पिता अमेरिकी एम्बेसी में तैनात सुरक्षा कर्मी शक्ति कांत राय को सौंपा। उन्होंने आरपीएफ का शुक्रिया अदा किया.