कानपुर(ब्यूरो)। कई आतंकी वारदातों में फंडिंग करने के मामले में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई(पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) नेटवर्क को तोडऩे के लिए एक बार फिर एनआईए ने शहर में छापेमारी की है। 5 संदिग्धों की तलाश में एनआईए का मूवमेंट शहर में सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार सुबह तक चला। एनआईए की टीम ने दलेलपुरवा स्थित पीएफआई ऑफिस में भी कुछ तथ्य खंगाले। वहीं सूत्रों की मानें तो एनआईए 2 संदिग्धों को बांसमंडी के बेबिस कंपाउंड से उठाकर ले गई है। बाद में अनवरगंज पुलिस ने भी इन परिवारों से लंबी पूछताछ की। हालांकि कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

चित्रकूट जेल में है जफर
तीन जून को शहर में हुए उपद्रव में पीएफआई के स्थानीय मुखिया हयात जफर हाशमी का नाम सामने आया था, उसके फैमिली मेंबर्स के खाते में टेरर फंड आया था। पुलिस ने उसे उपद्रव का मास्टरमाइंड बताते हुए जेल भेज दिया था। इसके बाद कुछ और गिरफ्तारियां हुईं। कोई षणयंत्र न रचा जाए, इसके लिए हयात जफर को चित्रकूट जेल शिफ्ट कर दिया गया। रिमांड के दौरान मिली जानकारी में जिन 5 लोगों के नाम सामने आए। उनकी तलाश में एनआईए की एक टीम मंडे रात कानपुर पहुंची और मंगलवार सुबह तक छापेमारी की।

आतंकी संगठनों को फंडिंग
एनआईए की 3 सदस्यीय टीम अनवरगंज थाना क्षेत्र के बांसमंडी स्थित दलेल पुरवा में बेबिस कंपाउंड पहुंची। सूत्रों की मानें तो एनआईए ने यहां साकिर और जावेद नाम के 2 युवाओं को हिरासत में लिया और उन्हें लेकर चली गई। इसके अलावा टीम ने चमनगंज, बाबू पुरवा और जाजमऊ क्षेत्रों में भी छापेमारी की है। इन तीनों क्षेत्रों मे रहने वाले 3 युवाओं की जांच एजेंसी को तलाश है। टीम डिप्टी पड़ाव स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पुराने ऑफिस भी गई। हालांकि संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से ये कार्यालय बंद चल रहा है और लंबे समय से इसमें कोई रहता नहीं। तीन जून के उपद्रव में इस ऑफिस की बड़ी भूमिका बताई गई थी।

लंबे समय से है एक्टिव
पीएफआई लंबे समय से यूपी में एक्टिव है। वेस्टर्न यूपी के बाद ये संगठन लखनऊ और कानपुर में सबसे ज्यादा एक्टिव है। कानपुर में संगठन के कई अधिवेशन भी हो चुके हैं। पिछले दिनों लगातार इस बात का दावा किया जा रहा था कि पीएफआई के तमाम लोग कानपुर में छिपे हुए हैं, यही नहीं सीएए के दौरान हुए बवाल में भी संगठन का नाम आया था। कानपुर में लगभग 8 सदस्यों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया। इनमें से तीन जेल में है जबकि जमानत पर रिहा हुए पांच आरोपियों में एक फरार है। उसके बारे में पुलिस को अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।