समय : रात 10:40
स्थान : रामादेवी
कानपुर (ब्यूरो) चौराहा गुलजार है। लखनऊ जाने वाला रास्ता हो या प्रयागराज जाने वाला या दोनों जगह से आने वाला। चौराहे पर सभी तरफ दुकानें खुली हुई हैैं। कोरोना नाइट कफ्र्यू का टाइम हो गया। इसके बाद भी कोई पुलिसकर्मी या पुलिस व्हीकल सड़क पर नहीं दिखाई दिया। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात तो ये है कि चकेरी थाने के बाहर ही दुकानें खुली हैैं। इन दुकानों से थाने के पुलिसकर्मियों की सेवा होती है लिहाजा इनके लिए नियम कानून कोई मायने नहीं रखते हैैं। अब अगर पब्लिक व्हीकल्स की बात करें तो चौराहे के चारों तरफ ई रिक्शा, ऑटो, टैम्पो बड़ी संख्या में देखने को मिले।

समय : 11:15
स्थान : टाट मिल चौराहा
शहर के मुख्य चौराहों में इस चौराहे की गिनती होती है। दो तरफ बाबूपुरवा और दो तरफ रेलबाजार थाने की सीमा है। लोगों का आना जाना आम दिनों की तरह जारी है। इस चौराहे पर यूपी के तमाम जिलों से लोग आते जाते हैैं। चौराहे पर 11:15 तक दुकानें खुली हुई हैैं। दुकानों पर ग्राहकों का आना जाना जारी था। दो ट्रैफिक पुलिस कर्मी बस अड्डे के इंड पर चाय पीते दिखाई दिए। पूछने पर पता चला कि ड्यूटी ऑफ हो चुकी है। लगभग 11:30 बजे बादशाहीनाका थाने की जीप आई और चंद मिनटों बाद वापस घंटाघर की ओर चली गई। यहां न कोई रोकने वाला और न किसी से कोई कुछ पूछने वाला।

समय : 11:45
स्थान : घंटाघर
आम दिनों की तरह घंटाघर पूरी तरह से गुलजार दिखाई दिया। ई-बस, टैम्पो, ऑटो और ई रिक्शा देखकर ये लग ही नहीं रहा कि कहीं कोविड नाइट कफ्र्यू भी है। रही सही कसर रिक्शा चालकों ने पूरी कर दी। चौराहे पर बनी पुलिस चौकी में हाई वोल्टेज हीटर जल रहा है। जिसकी गर्मी कुर्सी पर बैठी महिला पुलिस कर्मी और दो सिपाही ले रहे हैैं। इंचार्ज की कुर्सी खाली पड़ी है। इस चौराहे पर हरबंश मोहाल और कलक्टरगंज थाने का एरिया लगता है। शहर का सबसे ज्यादा व्यस्त चौराहा होने की वजह से यहां होटल भी बहुत हैैं। होटल, पान मसाले की दुकाने और नाश्ते की दुकानें खुली और इनमें भीड़ देखकर लगता ही नहीं कि यहां नाइट कफ्र्यू चल रहा है।