कानपुर(ब्यूरो)। यूपीपीसीएल ने डिफॉल्टर्स से बकाया वसूलने के लिए केस्को सहित अन्य पॉवर सप्लाई कम्पनीज में वन टाइम सेटलमेंट(ओटीएस) स्कीम लागू की है। हालांकि इसके साथ डिफॉल्टर्स के डिसकनेक्शन पर रोक लगा दी है। इससे ओटीएस के साथ ही केस्को को भी झटका लगा है। केस्को इम्प्लाई डिफॉल्टर्स पर बकाया जमा करने के लिए प्रेशर नहीं बना पा रहे हैं। कनेक्शन न कटने के कारण डिफॉल्टर्स भी स्कीम को सीरियसली नहीं ले रहे हैं।

2 हजार करोड़ बकाया
सिटी में केस्को 6.60 लाख से अधिक कनेक्शन है। वहीं दूसरी ओर 2 लाख से अधिक बकाएदार भी हैं। इन पर केस्को का 2 हजार करोड़ से अधिक बिजली का बिल बकाया है। डिफॉल्टर्स से बकाया वसूली के लिए अक्टूबर में यूपीपीसीएल ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू कर दी थी। इसमें डोमेस्टिक के साथ कॉमर्शियल कंज्यूमर्स को भी शामिल किया गया है। ओटीएस के जरिए बकाया जमा करने पर सरचार्ज में 100 परसेंट छूट भी दी गई। बावजूद इसके ओटीएस में रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या खासी कम रही है। यही वजह है कि दो बार ओटीएस की लास्ट डेट भी केस्को बढ़ा चुका है, लेकिन इसका बहुत अधिक फायदा नहीं मिला है।

एक चौथाई भी नहीं
दो बार लास्ट डेट बढ़ाने के बावजूद इसके अब तक 46456 डिफॉल्टर ओटीएस का लाभ उठाने के लिए आगे आए। जो टोटल डिफॉल्टर्स का एक चौथाई भी नहीं है। इन डिफॉल्टर ने 28.89 करोड़ रुपए बकाया बिजली का बिल जमा किया। 56 लाख रुपए सरचार्ज माफ किया गया। ओटीएस की लास्ट डेट 30 दिसंबर है। इसलिए केस्को ऑफिसर अब बहुत ही कम संख्या में डिफॉल्टर्स के आने की उम्मीद जता रहे हैं।

नहीं चला पा रहे ड्राइव
केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक पिछले वर्षो में ओटीएस लागू होने के बाद केस्को डिफॉल्टर्स की लिस्ट तैयार कर उन पर ओटीएस में रजिस्ट्रेशन के लिए दवाब बनाता था। उनके घरों में जाकर ओटीएस की जानकारी देने के साथ डिसकनेक्शन की चेतावनी भी देता था। एक निश्चित समयावधि के बाद भी ओटीएस में रजिस्ट्रेशन न करने पर केस्को इन डिफॉल्टर्स के कनेक्शन काटने के अलावा मीटर उखाडऩे की कार्रवाई करता है।

इसीलिए कम रजिस्ट्रेशन
इसकी वजह से काफी संख्या में डिफॉल्टर ओटीएस का लाभ लेने के लिए आगे आते थे। पर इस बार यूपीपीसीएल ने डिसकनेक्शन न करने का फरमान जारी कर रखा है। केस्को के डायरेक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि ओटीएस को लेकर यूपीपीसीएल की जारी गाइडलाइंस के मुताबिक ही कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल डिफॉल्टर्स के डिसकनेक्शन न करने को कहा गया है। इसीलिए बकाएदारों के कनेक्शन नहीं काटे जा रहे हैं। ओटीएस में कम रजिस्ट्रेशन की एक वजह ये भी हो सकती है।


-- 2 लाख से अधिक हैं बकाएदार
-- 2 हजार करोड़ से अधिक है बकाया
-- 46456 बकाएदारों ने ओटीएस में रजिस्ट्रेशन कराया
-- 28.89 करोड़ रूपए जमा किए हैं
-- 56 लाख रूपए सरचार्ज में मिली है रिबेट