-शहर में 124 एसिम्टोमैटिक कोरोना पेशेंट हैं होम आइसोलेट, इनके द्वारा यूज्ड चीजों के डिस्पोजल को लेकर कोई प्लानिंग नहीं

-संक्रमितों के घर से इधर-उधर फेंका जा रहा है वेस्ट, संक्रमण फैलने का खतरा, नगर निगम के पास तक नहीं हैं इनकी सूचना

KANPUR: शहर के में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग तरह-तरह की लापरवाही कर रहा है जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। बढ़ते संक्रमण के लिए कचरा भी जिम्मेदार हो सकता है। क्योंकि हेल्थ डिपार्टमेंट ने होम आइसोलेट लोगों से जेनरेट वेस्ट के डिस्पोजल की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। न ही नगर निगम को होम आइसोलेट लोगों को इसकी जानकारी दी जा रही है। इससे कचरे व मास्क, ग्लव्स आदि से भी लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अमित सिंह के मुताबिक, होम आइसोलेट लोगों के बारे में हेल्थ डिपार्टमेंट से कोई सूचना प्राप्त नहीं होती है। आपके माध्यम से जानकारी मिली है। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को लेटर लिया जाएगा।

आखिर कहां फेकें कचरा

कानपुर में अभी तक 124 लोग विभिन्न एरियाज में अपने घरों में आइसोलेट हैं। ये सभी एसिम्टोमैटिक हैं। इसलिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन्हें होम आइसोलेशन की परमीशन दी है। संक्रमित और उनके परिजन जेनरेट होने वाले वेस्ट से परेशान हैं। कोरोना संक्रमित के कचरे में पॉलिथीन, बचे हुए फूड प्रोडक्ट, बिस्किट व ब्रेड के पैकेट रैपर, फल के छिलके और दवाओं के रैपर भी शामिल हैं। ये कचरा संक्रमितों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ये कचरा वे कहां फेंकें, इसको लेकर वे परेशान हैं।

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बेहद खतरनाक है वेस्ट

कोरोना संक्रमितों के घर का वेस्ट संक्रमण फैलने का बड़ा कारण बन सकता है। कचरे में कोरोना संक्रमण फैलाने वाले ड्रॉपलेट्स मौजूद होते हैं। खासतौर से उन पॉलिथीन में जिसे संक्रमित ने छुआ हो या इसका यूज स्वयं किया हो। संक्रमित द्वारा छोड़े गए भोजन से भी संक्रमण का खतरा रहता है। इसमें मौजूद वायरस 24 से 48 घंटे तक किसी को भी संक्रमण दे सकते हैं। यूनिवर्सिटी कैम्पस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ सांइसेज के कोऑर्डिनेटर डॉ। प्रवीन कटियार के मुताबिक मुंह और लार के संपर्क में आई वस्तु से संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होता है। ऐसे कचरे का डिस्पोजल बेहद संजीदगी से होना चाहिए।

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हेल्थ डिपार्टमेंट ने नहीं दी लिस्ट

नगर स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, कोविड हॉस्पिटल से निकलने वाला मेडिकल और जनरल वेस्ट दोनों का ही डिस्पोजल बेहद सावधानी से किया जा रहा है। इसके लिए प्राइवेट संस्था एमपीसीसी भट्टियों में डिस्पोजल करती है। वहीं कोविड के शुरुआती दौर में हॉटस्पॉट एरियाज में काली पॉलिथीन घरों में दी गई थी। उसी में कचरा लिया जा रहा था और उस वेस्ट को डंप में अलग रखकर उसका डिस्पोजल किया जाता था। लेकिन, हेल्थ डिपार्टमेंट से होम आइसोलेट लोगों की कोई लिस्ट नहीं मिल रही है। इसके लिए लेटर लिखकर उनसे सूचना मांगी जाएगी और वेस्ट का डिस्पोजल प्रॉपर तरीके से कराया जाएगा।

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चोरी-छिपे फेंक रहे वेस्ट

पार्षद नवीन पंडित और राघवेंद्र मिश्रा के मुताबिक उनके वार्ड में कई लोग होम आइसोलेट हैं। कई लोगों ने सूचना भी दी कि होम आइसोलेट लोगों के यहां का कचरा इधर-उधर फेंका जा रहा है। नगर निगम को कोई कर्मी ऐसे घरों से कूड़ा लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में मजबूरन उन्हें नालियों और कूड़ाघरों में कचरा फेंकना पड़ रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

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होम आइसोलेट लोगों से जेनरेट होने वाले वेस्ट को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट से जानकारी शेयर करेंगे। आइसोलेट लोगों की लिस्ट भी मांगी जाएगी, जिससे कि उनके यहां जेनरेट वेस्ट का सही डिस्पोजल किया जा सके।

-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त।

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इन एरियाज में लोग आइसोलेट

-मीरपुर कैंट

-सी ब्लॉक

-किदवई नगर

-शिवाला

-मेस्टनरोड

-काकादेव

-गीता नगर

-तिलक नगर

-मसवानपुर

-कृष्णा नगर समेत अन्य।