-जेएनएनयूआरएम योजना शुरू हुए 14 साल बीत जाने के बाद भी जोनल पम्पिंग स्टेशन से नहीं आया पानी

- सिटी की 1.5 लाख से ज्यादा की आबादी को नहीं मिल पा रहा नलों से पानी, 38 जेडपीएस अभी नहीं हुए शुरू

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KANPUR : सिटी में कई मामले ऐसे हैं जो सिस्टम की लापरवाही की नजीर बन गए हैं। ऐसा ही एक मामला जल निगम का सामने आया है। बसंत विहार बाबा नगर, एसडब्ल्यू-2, चतुर्वेदी बिल्डिंग रोड और सूरदास पार्क वाली गली में 2 साल पहले लोगों ने वाटर कनेक्शन लिया, टेस्टिंग भी हुई, लेकिन आज तक वे लाइने सूखी पड़ी है। करीब 1,000 से ज्यादा घरों में आज भी लाइनों से पानी आने का इंतजार हो रहा है। जेएनएनयूआरएम के तहत ईस्ट और साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट के तहत 475 करोड़ रुपए से 1030 किमी। वाटर लाइन डाली गई, लेकिन 50 परसेंट लाइनों में अब भी पानी सप्लाई नहीं हो पाई है।

वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए

इस बार शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में स्वच्छ वाटर सप्लाई को भी शामिल किया है। अब निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस की तरह ही वाटर प्लस सर्टिफिकेट लेने के लिए भी काम करना होगा। इसके लिए नगर निगम, जलकल और जल निगम ने भी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन 38 से ज्यादा जेडपीएस (जोनल पम्पिंग स्टेशन) अब भी पानी नहीं दे रहे हैं। इस हालात में हजारों घरों में वाटर सप्लाई कैसे होगी, ये बताने वाला कोई नहीं है।

सबमर्सिबल के भरोसे लोग

यूं तो शहर में घरों और अन्य प्रतिष्ठानों में सबमर्सिबल लगाना अवैध है, लेकिन बाबा नगर के हर घर में सबमर्सिबल पंप लगा है। यही यहां के लोगों का पानी के लिए सबसे बड़ा सहारा है। आए दिन सबमर्सिबल फेल होने से यह साफ है कि यहां ग्राउंड वाटर लेवल तेजी से नीचे गिरता जा रहा है। अब यहां के लोग 300 फीट पर बोरिंग कराने को मजबूर हैं।

3 साल बाद भी लीकेज नहीं बना

सरकारी तंत्र ने इस योजना में करप्शन की सभी लाइनों को क्रॉस कर दिया था। यही कारण है कि इस योजना से अभी तक 20 परसेंट घरों में ही पानी पहुंच सका है। गंगा बैराज से फूलबाग तक बड़ी मुश्किलों के बाद वाटर सप्लाई शुरू हुई, लेकिन आए दिन इसमें लीकेज से वाटर सप्लाई बंद रहती है। बसंत विहार, बाबा नगर में पिछले 1,000 घरों में कनेक्शन देने के 3 साल बाद भी लीकेज नहीं बनाया जा सका है। इसकी वजह से इन लोगों को सबमर्सिबल से पानी लेने की मजबूरी है।

कई बार शिकायत के बाद भी

वरिष्ठ पार्षद नवीन पंडित के मुताबिक 13-ब्लॉक गोविंद नगर में जेडपीएस 6 साल बाद भी बंद पड़ा है। 6 साल पहले टेस्टिंग की गई थी, लीकेज मिलने पर इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद कई बार शिकायत करने के बाद भी इसे शुरू नहीं किया जा सका है। जल निगम इसे जलकल को हैंडओवर करना चाहता है, लेकिन जब तक यह पूरी तरह शुरू नहीं होगा, तब तक हैंडओवर कैसे हो पाएगा। यही हाल अन्य जगहों का भी है।

जेएनएनयूआरएम योजना: एक नजर में

- 475 करोड़ से लाइन डालने का कार्य शुरू किया गया।

- 1,030 किमी। वाटर लाइन डाली जानी थी।

- 957 किमी। लाइन डाली जा चुकी है।

- 63 किमी। मेन फीडर लाइन डाली जा चुकी है।

- 38 जेडपीएस में से पानी की कोई सप्लाई नहीं।

- 24 जेडपीएस ही अब तक चालू किए जा सके हैं।

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यहां बंद पड़े हैं जेडपीएस

- गोविंदनगर 13 ब्लॉक

- बर्रा-2 रामजानकी मंदिर

- बर्रा-3 पानी की टंकी

- बर्रा-5 पानी की टंकी

- परमपुरवा

- बेकनगंज

- रामबाग

- आजाद नगर

- विष्णुपुरी आदि।

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बंद पड़े जेडीपीएस को शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के तहत जगह-जगह वाटर लाइनों में गैप होने से भी योजना को पूरा करने में देरी हो रही है।

शमीम अख्तर, परियोजना प्रबंधक, जल निगम।