कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं और किसी कारण से आपको शहर या प्रदेश छोडऩा पड़ रहा है तो टेंशन लें। क्योंकि शहर छोडऩे के बावजूद बीच में आपकी पढ़ाई नहीं छूटेगी। सीएसजेएमयू में पढऩे वाले स्टूडेंट अब देश के किसी भी इंस्टीट्यूट मेें ट्रांसफर ले सकेंगे। न्यू एजुकेशन पालिसी (एनईपी) के तहत न्यू सेशन से एडमिशन लेने वाले सभी स्टूडेंट्स को एकेडमिक बैैंक क्रेडिट (एबीसी) से जोड़ा जाएगा। एबीसी से जुडऩे का सीधा बेनीफिट स्टूडेंट्स को मिलेगा। वह मल्टीपल एंट्री एग्जिट के तहत देश भर में किसी अन्य यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में बिना किसी बाधा के एडमिशन ले सकेंगे।
एकेडमिक रिकॉर्ड ऑनलाइन
शहर बदलने के कारण एजुकेशन के बीच मेें छूटने पर तय समय में मल्टीपल एंट्री के तहत अपने आगे की पढ़ाई को स्टार्ट कर सकेंगे। एबीसी में जुडऩे से स्टूडेंट्स का पूरा एकेडमिक रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे इन कामों में आसानी होगी। सीएसजेएमयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि न्यू सेशन से एडमिशन के लिए डब्ल्यूआरएन जेनरेट होने के साथ ही स्टूडेंट्स को एबीसी से जोड़ दिया जाएगा।

समझिए क्या है एबीसी
एनईपी के तहत यूजीसी की ओर लांच किया गया, यह एक वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखता है। इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद वहां पढऩे वाले हर स्टूडेंट का डेटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा। यदि कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दिया जाएगा। इसके अलावा किसी कोर्स के बीच में मल्टीपल एंट्री एग्जिट में एबीसी का इंपार्टेंट रोल होता है। मल्टीपल एंट्री सेम इंस्टीट्यूट या किसी अन्य इंस्टीट्यूट में भी हो सकती है। एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का अकाउंट खोला जाएगा। स्टूडेंट्स के एकेडमिक अकाउंट में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स, स्टूडेंट्स को किए जा रह कोर्स के लिए क्रेडिट देंगे।

सीएसजेएमयू में रजिस्ट्रेशन शुरू
सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कैंपस में 146 ओल्ड और 03 न्यू समेत 149 कोर्सेज में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन स्टार्ट हो चुके हैैं। वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक के अनुसार रजिस्ट्रेशन के साथ ही स्टूडेंट्स को एबीसी से जोड़ा जाना है। इससे स्टूडेंट का एकेडमिक रिकार्ड ऑनलाइन हो जाएगा और एक क्लिक में सभी के सामने होगा।

इंस्टीट्यूट अपलोड करेगा माक्र्स
एबीसी में स्टूडेंट का ओवरआल एकेडमिक रिकार्ड होगा। वहीं, दूसरी ओर शुचिता रखने के लिए इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी होगी कि वह स्टूडेंट्स द्वारा पूरे किए गए क्रेडिट माक्र्स को एबीसी में अपलोड कराए। एबीसी में स्टूडेंट की ओर से क्रेडिट माक्र्स को बढ़ाने के लिए अपलोड किया गया, कोई भी डाक्यूमेंट मान्य नहीं है।

बीच कोर्स में दूसरे इंस्टीट्यूट में एडमिशन
एबीसी में जुडऩे से स्टूडेंट्स का सीधा बेनीफिट यह है कि वह पूरे समय के बीच से ही कोर्स को छोडक़र दूसरे कोर्स में एडमिशन ले सकता है। उदाहरण के तौर पर टोटल 50 क्रेडिट के कोर्स में 10 क्रेडिट पूरे करने के बाद यदि स्टूडेंट आगे के 40 क्रेडिट की पढ़ाई किसी अन्य इंस्टीट्यूट से करना चाहता है तो वह एबीसी के जरिए दूसरे इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले सकता है। ओल्ड इंस्टीट्यूट स्टूडेंट के डाक्यूमेंट आदि को रोक नहीं पाएगा।