कानपुर(ब्यूरो)। मीटर रीडिंग में फर्जीवाड़े से मुकाबले के लिए केस्को ऑफिसर्स को प्रोब बिलिंग की फिर याद आई है। लाखों रूपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा जाने के बाद वह अधिक से मीटर की प्रोब बिलिंग कराने में जुटे हैं, जिससे कि स्टोर रीडिंग के खेल के जरिए मीटर रीडर केस्को के रेवेंयू को नुकसान न पहुंचा सके। साथ ही गलत बिलिंग की समस्याओं से छुटकारा मिले।


लाखों का नुकसान होने पर जागे
दरअसल लगभग 5.53 लाख कन्ज्यूमर्स की केस्को प्राइवेट बिलिंग एजेंसी के जरिए मीटर रीडिंग करा रहा है। करीब दो महीना स्टोर रीडिंग के 38 केस पकड़े गए थे। इन सभी कन्ज्यूमर्स के बिल प्राइवेट एजेंसी के मीटर रीडर की मिलीभगत से वास्तविक मीटर रीडिंग से खासी कम दर्जकर बिलिंग की जा रही थी। जिससे कन्ज्यूमर को कम धनराशि के बिल आने के कारण फायदा हो रहा था, लेकिन केस्को को कन्ज्यूमर के खर्च की जा रही बिजली की आधे के लगभग ही कीमत मिल रही थी। इसके बाद जाजमऊ, हैरिसगंज आदि डिवीजन में भी यह स्टोर रीडिंग के केस पकड़े गए। कुल मिलाकर सभी कन्ज्यूमर्स को मिलाकर दो लाख यूनिट से अधिक बिजली खर्च होने के बावजूद बिलिंग में दिखाई ही नहीं गई। इससे केस्को को 19 लाख रूपए रेवेंयू का नुकसान हुआ। इससे केस्को ऑफिसर अलर्ट हो गए।

फोकस ही नहीं रह गया था
केस्को ऑफिसर्स को इस समस्या को खत्म करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाने की वजह सुस्त रफ्तार में चल रही प्रोब बिलिंग की याद आई। स्मार्ट मीटर लगाए जाने के कारण प्रोब बिलिंग पर ऑफिसर्स को फोकस ही नहीं रह गया, क्योंकि उनका मानना था कि स्मार्ट मीटर लग जाने पर प्रोब बिलिंग की जरूरत ही नहीं रह जाएगी। लगभग दो साल पहले जन्माष्टमी पर कई शहर अंधेरे में डूबने के कारण पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर पर रोक लग गई। इस बीच सिटी में 1.07 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

मीटर रीडर अपनी जेबें भरने लगे
हालांकि स्मार्ट पर रोक के दौरान नए कनेक्शन और आईडीएफ केस में केस्को को अन्य डिस्कॉम से लेकर और स्टोर में रखे पुराने मीटर्स लगाने पड़े। इसका फायदा मीटर रीडर्स ने उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने कन्ज्यूमर से बिजली का बिल कर कर देने की सेटिंग-गेटिंग कर वास्तविक यूनिट से कम के बिल बनाने लगे। इससे केस्को को रेवेंयू का नुकसान होने लगा और बिजली का बिल कम होने से कन्ज्यूमर का फायदा होने लगा। इस खेल के जरिए मीटर रीडर अपनी जेबें भरने लगे। बाद में आईडीएफ बिलिंग के जरिए मीटर खराब दिखाकर बदलवाने लगे। करीब दो महीने पहले यह रैकेट पकड़ा गया। मीटर रीडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में जो केस पकड़े गए कन्ज्यूमर्स से स्टोर रीडिंग की धनराशि वसूली गई।

4 जी स्मार्ट मीटर से बदला जाएगा
केस्को डायरेक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि अधिक से अधिक मीटर की प्रोब बिलिंग कराई जा रही है। अब प्रोब बिलिंग की संख्या करीब तीन लाख पहुंच गई। ऊंचाई पर लगे मीटर, मीटर कवर आदि जिन वजहों से दिक्कत थी, लगातार दूर कराई जा रही है। हालांकि काफी पुराने इलेक्ट्रिसिटी मीटर भी हैं, जिनमेंं प्रोब बिलिंग का सॉकेट नहीं है। ऐसे मीटर को पहले 4 जी स्मार्ट मीटर से बदला जाएगा। स्मार्ट मीटर और बल्क पॉवर कनेक्शन में एमआरआई व डबल मीटरिंग की वजह से गलत या स्टोर रीडिंग जैसी कोई समस्या नहीं हैं।

ऐसी होती प्रोब बिलिंग
- इसमें बिल जेनरेट करने के लिए रीडर को मीटर से रीडिंग देखकर हैंडहेल्ड बिल जेनरेशन मशीन में नहीं भरनी पड़ती है।
- मीटर में केबिल लगाने से रीडिंग, लोड आदि जानकारियां आ जाती है और नया बिल जेनरेट हो जाता है।
- मीटर रीडर के बिल कम करने के लिए गलत मीटर रीडिंग भरने, लोड कम दिखाने आदि की गुजांइश खत्म हो जाती।