कानपुर (ब्यूरो)। चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (सीएसए) के स्टूडेंट्स को अब सिडनी जाकर पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ सीएसए का एमओयू हुआ है। इस एमओयू का बेनीफिट बीएससी (एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर और फारेस्ट्री) के स्टूडेंट्स को मिलेगा। एमओयू के अनुसार बीएससी की चार साल की स्टडी के दौरान स्टूडेंट्स को स्टार्टिंग के तीन साल सीएसए और लास्ट के एक साल को सिडनी में जाकर पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। इस प्रोसेस से बीएससी की डिग्री को पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को सीएसए और सिडनी यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट डिग्री मिलेगी। यह एमओयू पांच साल के लिए हुआ है।

एक साल मे मास्टर डिग्री
बीएससी के लास्ट ईयर को सिडनी में जाकर पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को सिडनी में एक साल में मास्टर करने की फैसिलिटी मिलेगी। अगर आपने बीएससी के लास्ट ईयर में कुछ क्रेडिट माक्र्स को पूरा कर लिया और आप सिडनी से मास्टर करने के इच्छुक हैैं तो आपको केवल एक साल का समय लगेगा। जबकि आमतौर पर बीएससी के बाद मास्टर करने के लिए स्टूडेंट्स को दो साल का समय लगता है।

एक हजार स्टूडेंटस को बेनीफिट
इस एमओयू के सिडनी जाकर स्टडी करने का बेनीफिट सीएसए और अलग अलग जिलों में कॉलेजों के करीब एक हजार स्टूडेंट्स को मिलेगा। हालांकि सिडनी जाकर स्टडी करने के लिए आने वाले खर्च को यूनिवर्सिटी की ओर से दिया जाएगा, कोई फेलोशिप मिलेगी या फिर स्टूडेंट को खुद वहन करना होगा। इस विषय पर मंथन चल रहा है। हालांकि एमओयू के बाद स्टूडेंट्स को सिडनी में एडमिशन और कई फार्मेल्टीज को पूरा करने में आसानी होगी।

टीचर्स के लिए चलेंगी वर्कशाप
एमओयू में स्टूडेंट्स के साथ साथ टीचर्स का भी ध्यान रखा गया है। टीचर्स के लिए समय समय पर वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा मौका पडऩे पर टीचर्स को ट्रेनिंग या टीचिंग के लिए सिडनी भेजा भी जा सकता है। इतना ही नहीं सिडनी के स्टूडेंट्स और टीचर्स भी सीएसए आकर यहां के साइंटिस्टों से एग्रीकल्चर की बारीकियों को सीखेंगे।