कानपुर (ब्यूरो)। नवजात शिशु के ट्रीटमेंट में जीएसवीएम मेडिकल कालेज में बन रही कंगारू मदर केयर यूनिट अहम साबित होगी। इसमें लगने वाले उपकरणों की मदद से नवजातों के जीवन को सुरक्षित किया जा सकेगा। यूनिट में लगने वाली पोर्टेबल एमआइआई की मदद से बच्चों के दिमाग की न्यूरो इमेज को देखा जा सकेगा और जन्म से जिन बच्चों के मस्तिष्क में आक्सीजन की कमी, हेमरेज तथा दिमाग के पानी की जांच इसकी मदद से आसानी से की जा सकेगी। यूनिट में लगने वाला पोर्टेबल एमआरआई .065 टेस्ला का होगा, जिससे नवजात को किसी भी प्रकार के रेडिएशन समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। यह मशीन बेड पर ही नवजात की जांच कर चंद मिनट में रिपोर्ट देने में समक्ष होगी।

यूपी की पहली मशीन होगी
नवजात बच्चों के जीवन को सेफ करने में जीएसवीएम के डॉक्टर्स को पोर्टेबल एमआरआई का सहारा मिलेगा। मेडिकल कालेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में जल्द ही कंगारू मदर केयर प्रोजेक्ट के तहत यूपी की पहली अत्याधुनिक पोर्टेबल एमआरआई मशीन लगाई जाएगी। जिसकी मदद से गंभीर लक्षणों वाले नवजातों के जीवन को सेफ किया जा सकेगा। बेड पर ही चंद मिनट में रिपोर्ट देने में समक्ष पोर्टेबल एमआरआई नवजातों की दिमाग की छोटी से छोटी गतिविधियों को देखा जा सकेगा।

बच्चे के लिए संजीवनी
यूनिट के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि कंगारू मदर केयर के तहत मिलने वाली पोर्टेबल एमआरआई बच्चों के लिए संजीवनी की तरह होगी। अभी तक बच्चों के दिमाग की जांच के लिए रेडियोलाजी डिपार्टमेंट पर निर्भरता रहती है और रेडिएशन का भी खतरा रहता है।