- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एल-3 फैसेलिटी में बढ़े क्रिटिकल पेशेंट्स

- ऑक्सीजन की खपत बढ़ी, एक पेशेंट में लग रही 1100 लीटर तक ऑक्सीजन

KANPUR: सिटी में कोरोना संक्रमितों की बाढ़ आने के बाद कोविड अस्पतालों पर लोड बढ़ा है। सबसे ज्यादा पेशेंट्स जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लेवल-फ् कोविड हॉस्पिटल पर है। जहां क्00 से ज्यादा कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। इस दौरान यहां ऑक्सीजन की खपत तीन गुना तक बढ़ गई है। यहां कोविड पेशेंट्स के लिए यूज हो रहे क्0 हजार लीटर के लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट को अब हर ख् से फ् दिन में भरा जा रहा है.जबकि पहले हफ्ते में एक बार ही एलएमओ में लिक्विड ऑक्सीजन भरी जाती थी। मेडिकल कॉलेज के इंटेसिव और क्रिटिकल केयर विभाग के डॉक्टर्स के मुताबिक वेंटीलेटर के अलावा बाईपेप मशीन और ऑक्सीजन पर 70 के करीब पेशेंट्स हैं। काफी पेशेंट्स को तो 70 से 80 लीटर ऑक्सीजन प्रति घंटे के हिसाब से ऑक्सीजन यूज करनी पड़ रही है। ऐसे में खपत तो बढ़ेगी ही।

कितनी है ऑक्सीजन की क्षमता-

फ् लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट- कुल क्षमता फ्0 हजार लीटर

भ्00- डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर छोटे

ख्- ऑक्सीजन प्लांट, सिलेंडर बेस्ड

---------------------

ब् हजार लीटर- खपत प्रतिदिन हैलट इमरजेंसी और आईसीयू में

भ् हजार लीटर - खपत प्रतिदिन कोविड आईसीयू और कोविड विंग में

बेहद कम ऑक्सीजन लेवल

न्यूरो कोविड आईसीयू के नोडल प्रभारी प्रो। प्रेम सिंह जानकारी देते हैं कि आईसीयू में जो पेशेंट वेंटीलेटर पर है। उनमें तो ऑक्सीजन की खपत ज्यादा होती ही है। इसके अलावा काफी पेशेंट बाईपेप मशीन और हाई फ्लो नेजल कैनुला पर भी हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की खपत तो बढ़ेगी ही। जो पेशेंट्स आईसीयू में भर्ती हो रहे हैं। उनमें ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल भ्0 से म्0 परसेंट तक है। ऐसे में उन्हें रिकवर होने में ही कम से कम फ् से ब् दिन का वक्त लगता है। इस दौरान वह पूरी तरह से ऑक्सीजन पर ही रहते हैं।

ऑक्सीजन की खपत बढ़ी है,लेकिन इसकी सप्लाई में कोई कमी नहीं है। हर दो से तीन दिन में गाड़ी आ रही है। लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडरों का भी पर्याप्त स्टॉक मेनटेन किया जा रहा है।

- डॉ.आरबी कमल, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज