- श्रमशक्ति, वंदे भारत एक्सप्रेस समेत प्रयागराज डिवीजन की सभी ट्रेनों के एसी कोचों में बढ़ाया जा रहा ऑक्सीजन लेवल

-आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता होने से पैसेंजर्स को नहीं होगी दिक्कत, कोरोना इंफेक्शन के चांस भी हो जाते हैं कम

KANPUR (14 Sept): हर रूट पर पैसेंजर लोड बढ़ने से कोरोना काल में रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या भी बढ़ा रहा है। इसके साथ ही पैसेंजर्स को कोविड इंफेक्शन से बचाने के भी सभी जरूरी इंतजाम कर रहा है। इसी कड़ी में ट्रेनों के एसी कोच में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाया जा रहा है जिससे पैसेंजर्स को खुले वातावरण की तरह ऑक्सीजन मिल सकेगी। रेलवे के प्रयागराज डिवीजन के कोच मेंटीनेंस इंजीनियर्स ने एसी कोचों में आक्सीजन की उपलब्धता बढ़ा दी है। सांस लेने के लिए पैसेंजर्स को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलेगी और कोरोना इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा।

संक्रमित व्यक्ति से नहीं फैलेगा कोरोना

प्रयागराज डिवीजन के पीआरओ केशव त्रिपाठी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना वायरस पेशेंट के लंग्स यानी फेफड़ों में सबसे ज्यादा प्रहार करता है। कई बार सांस लेने के लिए पर्याप्त ताजी ऑक्सीजन न मिलने पर संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इसको देखते हुए रेलवे ने एसी कोचों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ा दी है। जिससे कोच के अंदर व बाहर दोनों ही स्थानों में आक्सीजन लेवल बराबर रहेगा।

0.35 घन मीटर प्रति पैसेंजर

पीआरओ केशव त्रिपाठी ने बताया कि श्रमशक्ति, वंदे भारत एक्सप्रेस समेत प्रयागराज डिवीजन की सभी ट्रेनों के एसी कोचों में आक्सीजन का इंटेक 0.25 से 0.35 घन मीटर न्यूनतम प्रति पैसेंजर किया गया है। इसके साथ ही एसी कोचों में लगने वाले एयर फिल्टर्स की सप्लाई भी तेजी से की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह काम डिवीजन समेत कानपुर सेक्सन के न्यू कोचिंग कॉप्लेक्स में रेलवे स्टाफ द्वारा तेजी से किया जा रहा है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक खुले वातावरण के बजाए बंद कमरों व एसी कोचों में आक्सीजन लेवल कुछ कम होता है। कोरोना काल में कोविड-19 से पीडि़त व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। जिस समय उसे अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। एसी कोच में ऑक्सीजन लेवल खुले वातावरण से कम होने की वजह से ऐसे लोगों को परेशानी हो सकती है। कोरोना काल में पैसेंजर की इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने एसी कोचों में आक्सीजन की उपलब्धता पहले से अधिक करने का फैसला लिया है.जिसमें तेजी से काम चल रहा है।

-60 से अधिक एसी कोचों में हो चुका ऑक्सीजन लेवल पर काम

- 0.25 से 0.35 घन मी। ऑक्सीजन न्यूनतम इनटेक प्रति पैसेंजर मिलेगी

- 1 सप्ताह में डिवीजन के सभी कोचों में पूरा हो जाएगा काम

- 2 लाख से अधिक पैसेंजर्स को मिलेगी काफी राहत

कोरोना काल में एसी कोच की जर्नी पहले से कहीं अधिक सुरक्षित व आरामदायक बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने का फैसला लिया है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। एसी कोच में कोविड-19 वायरस से संक्रमित मरीज को भी खुले वातावरण की तरह ऑक्सीजन मिल सकेगी।

- केशव त्रिपाठी, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन