फ़ाइनल में उन्होंने चौथी वरीयता वाली फ़्रांस के माइकल लोद्रा और सर्बिया के निनाद जिमोनजिच की जोड़ी को 7-6, 7-6 से हराया।

जीत के बाद भूपति ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा, "समर्थन के लिए सभी को धन्यवाद, आज की जीत में सबसे अच्छी बात ये थी कि सैकड़ों भारतीय प्रशंसक जीतेगा भइ जीतेगा के नारे लगा रहे थे, जिसकी वजह से जब ज़रूरत थी तो हमने सीधे पाँचवाँ गियर लगा दिया." दरअसल दोनों ही सेट टाईब्रेकर में गए और वहाँ पर भारतीय प्रशंसकों के नारों ने 'इंडियन एक्सप्रेस' नाम से प्रसिद्ध इस जोड़ी का हौसला बढ़ाया।

इस साल के शुरू में ऑस्ट्रेलियन ओपन के फ़ाइनल तक पहुँचे पेस और भूपति ने इससे पहले 2001 में सिनसिनाटी में ये ख़िताब जीता था। उन्होंने 11 बार ग्रैंड स्लैम जीत चुके शीर्ष वरीयता प्राप्त बॉब और माइक ब्रायन को सेमीफ़ाइनल में हराने के बाद फ़ाइनल में जगह बनाई थी।

ब्रायन बंधुओं के विरुद्ध भारतीय जोड़ी पहला सेट 1-6 से बुरी तरह हार गई थी मगर वहाँ से उन्होंने जो वापसी की वो ज़बरदस्त थी। पहले उन्होंने दूसरा सेट 7-6 से जीता और फिर तीसरा सेट उन्होंने 10-7 से अपने नाम किया। इस तरह भारतीय जोड़ी ने इस साल कुल 25 मैच जीते हैं और आठ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

इसी प्रतियोगिता के पुरुष एकल का ख़िताब ब्रिटेन के एंडी मरे ने शीर्ष वरीयता प्राप्त सर्बिया के नोवाक योकोविच को हराकर जीता। दरअसल पहला सेट 6-4 से जीतने के बाद दूसरे में भी मरे 3-0 से आगे चल रहे थे जब योकोविच ने मैच से हटने का फ़ैसला किया।

महिलाओं का एकल ख़िताब रूस की मारिया शरापोवा को मिला और उन्होंने सर्बिया की येलेना यानकोविच को 4-6, 7-6, 6-3 से हराकर चैंपियनशिप अपने नाम की।

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