भारत के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में मलिक ने राजधानी इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा, ''भारत का कहना है कि पाकिस्तान की मोबाइल सेवाओं के जरिए अफवाहें फैलाई गईं। मैंने उनसे इस बारे में सुबूत मुहैया कराने का आग्रह किया है, फिर हम इसकी जांच करेंगे.''

भारत के गृह सचिव आरके सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ भारत में जो दहशत फैली है उसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

एसएमएस और एमएमएस के जरिए ऐसी अफवाहें उड़ रही हैं कि असम में मुसलमान समुदाय पर हुई हिंसा की प्रतिक्रिया में भारत के अन्य राज्यों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों पर जवाबी हमले किए जाएंगे।

इस आशंका के डर से हजारों लोग शहर छोड़ कर भाग गए हैं। हैदराबाद में असम और अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों से आए लोगों के बीच भय का माहौल है।

शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए अब गृह सचिव ने बयान दिया है कि इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। उनका कहना है, "ये पहली बार हुआ है। ये बहुत निंदनीय है। हम मानते हैं कि सबको ये पता लगना चाहिए कि ये काम पाकिस्तान कर रहा है। ज़्यादातर एसएमएस पाकिस्तान से आए हैं। और जब लोगों को पता चलेगा, तो उन्हें पाकिस्तान के इरादों के बारे में खुद-ब-खुद जान जाएंगे."

पुष्टि

इस बीच असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि राज्य में हाल ही में हुई हिंसा के पीछे विदेशी हाथ होने की उनकी आशंका की ‘पुष्टि’ हो गई है।

राजधानी गुवाहाटी में उन्होंने कहा, "मैंने शुरू से ही राज्य में हुई हिंसा के पीछे विदेशी हाथ होने की तरफ इशारा किया था। पाकिस्तानी तत्वों के शामिल होने संबंधी गृह मंत्रालय की हाल की रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है."

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है और केंद्र के शामिल हुए बगैर राज्य सरकार इससे अकेले नहीं निपट सकती। तरुण गोगोई ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की।

'झूठी तस्वीरें'

वहीं गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि ऐसी 76 वेबसाइट्स की पहचान कर ली गई है जिनका इस्तेमाल अफवाहें फैलाने के लिए किया गया है और इन्हें अब ब्लॉक कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इनके अलावा 34 अन्य वेबसाइटों की पहचान कर ली गई है और सरकार उन्हें ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि भारत ये मुद्दा पाकिस्तान के साथ उठाएगा।

सिंह ने कहा, "हम ये मुद्दा उनके साथ उठाएंगे हालांकि हमें पूरा यकीन है कि वे मानेंगे नहीं। लेकिन हमारे तकनीकी विशेषज्ञों को पूरा यकीन है कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है."

उन्होंने कहा कि लोगों में फैलाई जा रही तस्वीरों और वीडियो में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप और चक्रवात से मारे गए लोगों को बर्मा की हिंसा के के पीड़ितों के तौर पर दिखाकर ग़लत जानकारी दी गई।

18 लोग गिरफ्तार

उधर बंगलौर के डीसीपी विक्टर डीसूज़ा ने बताया है कि शहर में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया, "तीन लोगों को गलत एसएमएस भेजने के लिए पकड़ा है, इन्हें साइबर क्राइम के तहत पकड़ा है। इनके पास से मोबाइल फोन और लैपटॉप भी बरामद हुआ है। बाकी लोगों को समुदाय- धर्म के आधार पर फूट डालने की कोशिश करने के लिए पकड़ा है."

विक्टर डीसूजा ने बताया कि जाँच चल रही है और अभी ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए बाहर से पुलिस बुलाई गई है, होम गार्ड भी ड्यूटी पर हैं, अर्धसैनिक बलों की छह कंपनियाँ हैं, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के भी लोग हैं।

अफवाहें शुरु होने के बाद से हजारों लोग वापस असम या दूसरे पूर्वोत्तर राज्य लौट गए हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने इस घटनाक्रम की निंदा की है।

International News inextlive from World News Desk