कानपुर (ब्यूरो) साढ़ निवासी अरुण कुमार गुप्ता किसान थे। बीते दिनों उनके घर से एक बोरा गेहूं चोरी हो गया था। अरुण ने इसकी तहरीर थाने में दी लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। अरुण को लगातार थाने के चक्कर लगवा रही थी। परिजनों का आरोप है कि रोज की तरह फ्राइडे को भी अरुण थाने गया था। जहां पुलिसकर्मियों ने केस दर्ज करने को लेकर अरुण की पुलिसकर्मियों से बहस हुई। इसपर पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की। पिटाई से आहत होकर अरुण ने जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।

पुलिस ने कर दिया मजबूर
अरुण ने थाना परिसर के अंदर जहर खाने के बाद अपने बेटे को फोन कर जानकारी दी। इसके बाद मोबाइल बंद कर लिया। सूचना पर थाने पहुंचे परिजनों और पुलिस ने अरुण को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर होने पर उसे उर्सला रेफर कर दिया गया। दोपहर बाद पौने तीन बजे अरुण की मौत हो गई। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाए पति को बेरहमी से पीटा। जिसकी वजह से उन्होंने ये खौफनाक कदम उठाया।