- हाइपर सेंसिटिव और सेंसिटिव जिलों को दी गई गाडि़यां, कानपुर कमिश्नरी को मिले दो एंटी रॉयट व्हीकल, पथराव के दौरान होंगे सहायक

- जिले में एनआरसी जैसे बवाल में हेल्पफुल होंगे व्हीकल, इंडियन आर्मी दहशतगर्दो का जवाब देने के लिए कर रही इस व्हीकल का इस्तेमाल

KANPUR: कानपुर में एनआरसी के विवाद के दौरान परेड और बाबूपुरवा में हुई हिंसक घटनाओं के दौरान पुलिस पर पथराव हुआ था, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। उपद्रवियों को देखकर पुलिस ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए थे, लेकिन अब पथराव के दौरान न तो पुलिस पीछे हटेगी और न ही पुलिस पर इन पत्थरों का असर होगा। जी हां इंडियन आर्मी की तरह ही कानपुर पुलिस के बेड़े में दो एंटी रॉयट व्हीकल शामिल हो गए हैं। जिनके घटनास्थल पर पहुंचते ही पुलिसकर्मी तो सेफ हो जाएंगे लेकिन पुलिस की रबर बुलेट्स या एंटी रॉयट गन से उपद्रवी नहीं बच सकेंगे

ऐसे घटनास्थल पर पहुंचेगा व्हीकल

यूपी के जिलों में एनआरसी विवाद के दौरान इस वाहन की कमी महसूस की गई थी। हालांकि इस वाहन को आईपीएस नितिन तिवारी ने पांच साल पहले डिजाइन किया था। जिसे शासन ने मंजूरी भी पहले ही दे दी थी। इस तरह के पूरी तरह से सेफ वाहन अब तक इंडियन आर्मी में यूज किए जाते थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आर्मी के कैम्पों में ट्रेनिंग पाए पुलिस जवानों की तैनाती इस वैन में की गई है। मौके पर पहुंचते ही चारों तरफ लगी एलईडी ब्लिंकर जलने लगेंगे, जिससे उपद्रवी आंख नहीं खोल पाएंगे, जबकि पुलिसकर्मियों को पास एंडी लेड सन ग्लासेज होंगे। तेज आवाज के हूटर के साथ पानी फेंकते हुए जब गाड़ी पहुंचेगी तो उपद्रव कर रहे लोग पीछे हट जाएंगे। लाउडस्पीकर से अनाउंस किया जाएगा। उसके बाद गाड़ी में लगी फाइबर शीट खोली जाएंगी और उसके पीछे से पुलिस कर्मी रबर बुलेट से फायर करेंगे।

एंटी रॉयट व्हीकल की खासियत

- इस गाड़ी में दोनों तरफ चार-चार फीट की एंटी फायर प्रूफ शीट लगी है

- इस गाड़ी में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो चारों तरफ की गतिविधि पर नजर रख सकेंगे

- गाड़ी सहित दोनों तरफ की शीट दस फीट चौड़ी सड़क पर पुलिस को कवर करके चलेगी

- इसमें एलईडी लाइट्स भी लगाई गई हैं। विषम परिस्थितियों के लिए अग्निशमन यंत्र भी लगाए गए

- पुलिसकर्मी शीट के पीछे रहकर उपद्रवियों को देख सकेंगे, लेकिन उपद्रवी पुलिस को नहीं देख सकेंगे।

- दंगाइयों या हंगामा कर रहे लोगों को सावधान करने के लिए लाउडस्पीकर सिस्टम लगाया गया है।

- शीट के नीचे रबर का सपोर्ट है, ताकि पुलिसकर्मियों के पैरों में चोट न लगे।

- वैन में कई पुलिसकर्मी हथियारों के साथ खड़े हो सकते हैं, इस वैन में एक अलग दस्ता तैनात किया जाएगा।

इन स्थानों पर किया जा सकेगा यूज

- मेलों में भगदड़ के दौरान लोगों को कंट्रोल करने में।

- उपद्रव के दौरान पुलिस को सेफ करने में।

- वीआईपी प्रोग्राम को दौरान वीआईपी की सिक्योरिटी में।

- पथराव करने वालों पर पानी की बौछार करने में।

- रेस्क्यू के दौरान घायलों की जान बचाने में।

ट्रेंड पुलिसकर्मी होंगे तैनात

एक वैन में 20 पुलिसकर्मियों का दस्ता रहेगा। जिसकी तैनाती पुलिस लाइन में होगी। ये जवान पुलिस लाइन के आरआई और जिले के कमिश्नर के आदेश पर मूवमेंट करेंगे। इनको हाईटेक एंटी रॉयट वेपंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा इनकी फिजिकल फिटनेस का ध्यान रखा जाएगा। इनकी आम पुलिसकर्मियों से अलग वर्दी होगी। रात के समय इन पुलिसकर्मियों को काम करने के लिए स्पेशल फ्लोरेसेंट डांगरी पहनाई जाएगी। स्पेशल जैकेट के साथ स्पेशल नाइट विजन चश्मे इस टीम को दिए जाएंगे।

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'' उपद्रवियों से बचने के लिए हाईपर सेंसिटिव जिले और सेंसिटिव जिलों को दो-दो एंटी रॉयट व्हीकल दिए गए हैं। जिनमें एक कानपुर कमिश्नरेट में तो दूसरा कानपुर आउटर में काम करेगा। इससे पुलिस को काम करने में आसानी होगी.''

असीम अरुण, पुलिस कमिश्नर, कानपुर