कानपुर (ब्यूरो)। हाईकोर्ट से राहत मिलते ही चर्चित किसान बाबू सिंह सुसाइड केस का मुख्य आरोपी बीजेपी नेता रहा आशु दिवाकर उर्फ प्रियरंजन गुरुवार को सूट-बूट में लग्जरी गाड़ी से पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचा। उसके साथ वकील और अन्य सहयोगी भी थे। पुलिस कमिश्नर से मिलकर खुद को निर्दोष बताते हुए हेल्प मांगी। करीब 30 मिनट तक मीटिंग चली। बता दें कि पांच महीने से एक लाख के ईनामी आशु दिवाकर को पुलिस पकड़ नहीं पा रही थी। कोर्ट से राहत मिलते ही सामने आ गया।

10 करोड़ की जमीन हड़पी
चकेरी में 9 सितम्बर को गांव के ही रहने वाले किसान बाबू सिंह यादव ने ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। 10 सितम्बर को उनकी पत्नी बिटान देवी ने चकेरी थाने में तत्कालीन भाजपा नेता डॉ। प्रियरंजन उर्फ आशू दिवाकर, शिवम चौहान, रईस राहुल जैन, उसके साथी मधुर पांडेय, भतीजे जितेंद्र यादव और उसके साढू बबलू यादव के खिलाफ आत्महत्या को उकसाने, धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। किसान परिवार का आरोप है कि आशु ने गैंग के साथ मिलकर करीब 10 करोड़ की 6.5 बीघा जमीन हड़प ली।

जेसीपी की जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद आशू फरार हो गया था। डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर इविडेंस कलेक्ट करने के लिए नोटिस देकर डॉ। प्रियरंजन को बुलाया गया था।