कानपुर (ब्यूरो)। एडी माध्यमिक की फेक ईमेल से जारी फेक पैनल से दो टीचर के नौकरी पाने के मामले में वेडनेसडे को पुलिस अफसरों ने डीआईओएस ऑफिस आकर इंवेस्टिगेशन किया। डीआईओएस अरुण कुमार के स्टेटमेंट दर्ज किए। सितंबर महीने में आई ईमेल के पैनल से ज्वाइनिंग और अक्टूबर में फेक ईमेल के बाद फॉलो किए गए प्रोसेस की जानकारी ली। दोनों ही पैनल की फाइलों को चेक किया। दोनों में नौकरी देने में फॉलो किए गए प्रोसेस को मिलाया। दोनों मामलों में वेरीफिकेशन प्रॉसेस में अंतर पाया गया। जिससे साफ है कि विभागीय स्तर पर कुछ &दाल में काला&य जरूर है।

बिना वेरीफिकेशन नियुक्ति

सितंबर में जहां वेबसाइट से वेरिफिकेशन के बाद टीचर्स को ज्वाइनिंग लेटर जारी किए गए थे। वहीं अक्टूबर में आई फेक ईमेल में वेरिफिकेशन के लिए बोर्ड को पत्र लिखा गया है। डीआईओएस सेकेंड ने बिना वेरिफिकेशन दो महिला टीचर को स्कूलों में नियुक्ति दिला दी। मामले में डीआईओएस अरुण कुमार की ओर से कर्नलगंज थाने में फेक ईमेल से आए पैनल में शामिल 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। फेक ईमेल वाले मामले में इंवेस्टिगेशन के दौरान पुलिस ने 3 घंटे से ज्यादा देरी तक डीआईओएस ऑफिस में पूछताछ की। इन्वेस्टिगेशन के दौरान रमसा ऑफिस के सुशील, डीआईओएस ऑफिस की शिल्पा से पूछताछ की गई। मामले में सस्पेंड किया जा चुके प्रधान सहायक राजन टंडन और वरिष्ठ सहायक सुनील से भी पूछताछ हुई।

बीते सालों की नियुक्तियों की भी जांच

फेक ईमेल से नौकरी पाने का मामला सामने आने के बाद शासन की ओर से बीते सालों में हुए अपॉइंटमेंट की भी जांच किए जाने के बाद कही जा रही है। डीआईओएस ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि आचार संहिता हटने के बाद अपॉइंटमेंट से जुड़ी सभी फाइलों और दस्तावेजों को चेक कराया जाएगा और वेरिफिकेशन भी होगा।

फेक ईमेल के बाद खुले दनादन तीन मामले
एडी माध्यमिक के फेक ईमेल से पैनल जारी होने के प्रकरण के सामने आने के बाद डीआईओएस ऑफिस में तीन नए मामले खुले हैं। बीपीएमजी इंटर कॉलेज मंधना में कर्मचारी का जन्म वर्ष संशोधन, एनपीएस के करोड़ों रुपए की जानकारी ना होना और गुरु नानक ब्वायज इंटर कालेज सुंदर नगर में नियमों के विपरीत मृतक आश्रित कोटे से महिला टीचर की भर्ती का मामला सामने आया है। तीनों मामलों में जांच की जा रही है।

शिक्षक नेता की भूमिका संदिग्ध
गुरु नानक ब्वायज इंटर कॉलेज सुंदर नगर में नियमों के विपरीत मृतक आश्रित कोटे से महिला टीचर की नियुक्ति के मामले में शिक्षक एमएलसी का चुनाव लड़ चुके एक वरिष्ठ शिक्षक नेता की भूमिका संदिग्ध है। वेडनेसडे को मामले को मैनेज करने के लिए वह पूरी टीम के साथ डीआईओएस ऑफिस में डेरा डाले रहे।