- प्रेसीडेंशियल ट्रेन से 25 जून को कानपुर सेंट्रल आएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

-ट्रेन में लगे बुलेट प्रूफ शीशे, आधुनिक सुविधाओं से लैस है वीवीआईपी सैलून

KANPUR। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द पहली बार प्रेसीडेंशियल ट्रेन से कानपुर सेंट्रल आएंगे। प्रेसीडेंसिशल सैलून बुलेट प्रूफ के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस है। राष्ट्रपति कानपुर देहात समेत कई स्थानों पर आयोजित प्रोग्राम में शामिल होने के लिए यहां तीन दिन रुकेंगे। इस दौरान यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल पर खड़ी रहेगी। राष्ट्रपति की सिक्योरिटी टीम ट्रेन की निगरानी करेगी।

87 बार इस सैलून का प्रयोग

देश के राष्ट्रपति जिस ट्रेन से सफर करते हैं उसे प्रेसीडेंशियल सैलून कहते हैं। इसमें दो कोच होते हैं। अब तक 87 बार इस सैलून का प्रयोग हो चुका है। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने 1950 में पहली बार इस सैलून का प्रयोग यात्रा के लिए किया था। उन्होंने दिल्ली से कुरुक्षेत्र का सफर प्रेसीडेंशियल सैलून से किया था। इसके अलावा डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ। नीलम संजीवा रेड्डी ने प्रेसीडेंसियल सैलून से यात्राएं की थीं।

2003 में डॉ। कलाम ने

वर्ष 1960 से 1970 के दशक में प्रेसीडेंसियल सैलून का प्रयोग नियमित तौर पर किया गया। जिसके बाद वर्ष 1977 में डॉ। नीलम संजीवा रेड्डी ने इस सैलून से यात्रा की। इसके 26 साल बाद 30 मई 2003 को डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रेसीडेंशियल सैलून से बिहार की यात्रा की। अब यह प्रेसीडेंशियल सैलून एक बार फिर चर्चा में हैं जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को दिल्ली से कानपुर की यात्रा इससे करेंगे।

(बाक्स बनाएं)

ऐसा है प्रेसीडेंशियल सैलून

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान प्रेसीडेंशियल सैलून सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। दो कोच के इस सैलून में बुलेट प्रूफ ¨वडो, जीपीआरएस सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सेटेलाइट बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम मौजूद है। इसके साथ ही डाइ¨नग रूम, विजि¨टग रूम, लांज रूम, कांफ्रेंस रूम आदि की भी सुविधाएं हैं। प्रेसीडेंट के आराम करने के लिए बेडरूम और उनके खाने पीने के लिए एक किचन, प्रेसीडेंट के स्टॉफ के लिए अलग चेंबर्स इस सैलून में है।