कानपुर(ब्यूरो)। गोविंद नगर के दबौली वेस्ट स्थित बंदर बाबा मंदिर के पुजारी ने हाथों से बनी मूर्तियां हटाए जाने पर मानसिक तनाव में मंदिर के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो एक सुसाइड नोट मिला। नोट में 3 लोगों के नाम लिखे मिले। इन तीनों को पुजारी ने आत्महत्या का जिम्मेदार बताया। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाकर इविडेंस कलेक्ट किए।

मूर्तियां विसर्जित करने से
दबौली वेस्ट निवासी 75 साल के राधेश्याम यादव के घर से 50 मीटर की दूरी पर बंदर बाबा मंदिर है। वे मंदिर की देखरेख और पूजा पाठ करते थे। परिवार में पत्नी सावित्री और बेटा अनिल है। बेटे ने बताया कि 2019 में पिता ने भगवान की मूर्तियां अपने हाथ से बनाकर मंदिर में स्थापित की थीं। 6 महीने पहले मोहल्ले के कुछ लोगों ने पिता की बनाई मूर्तियों को गंगा में विसर्जित कर दिया और उनके स्थान पर नई मूर्तियां स्थापित कर दीं। जिसके बाद से पिता मानसिक तनाव में रहने लगे थे।

सुसाइड नोट की जांच
शनिवार रात राधेश्याम मंदिर में सोने की बात कहकर घर से निकले थे। सुबह मंदिर में धोती के सहारे उनका शव लटक रहा था। पुलिस को मंदिर के शिलापट, स्पीकर के बक्से में कुछ लोगों के नाम लिखे मिले। साथ ही मंदिर से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उन्होंने तीन लोगों को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार बताया है। दादा नगर फैक्ट्री एरिया की चौकी प्रभारी गीता सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच कराई जा रही है।