कानपुर(ब्यूरो)। मीटर रीडिंग में फर्जीवाड़ा रोकने और सही बिलिंग के लिए केस्को ने प्रोब बिलिंग शुरू कराई, लेकिन केस्को की यह कोशिश पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पा रही है। पिछले महीने तक करीब 2.70 लाख कन्ज्यूमर्स के यहां लगे मीटर्स की प्रोब बिलिंग हो सकी है। जनवरी में कन्ज्यूमर्स की संख्या बढक़र 3 लाख हो जाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन प्रोब बिलिंग के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट 1.45 लाख पुराने आउटडेटेड इलेक्ट्रिसिटी मीटर साबित हो रहे हैं। जिनमें मैनुअली रीडिंग लेकर ही बिल जेनरेट करने पड़ रहे हैं।

सेटिंग-गेटिंग से फर्जीवाड़ा
दरअसल मीटर रीडर और कन्ज्यूमर्स की सेटिंग-गेटिंग के चलते अधिक बिजली खर्च के बावजूद कम खपत के बिल बनाए जा रहे है। इसका खुलासा पिछले वर्ष पराग डेयरी, नौबस्ता, जाजमऊ, हैरिसगंज, काकादेव आदि डिवीजनों में स्टोर रीडिंग के केस पकड़े जाने के बाद हुआ। इन डिवीजनों में लगभग 20 लाख रुपए की रीडिंग मीटर में स्टोर पाई गई। ये 20 लाख रुपए बिल के रूप में केस्को के खजाने में जाने चाहिए थे, लेकिन मीटर रीडर और कन्ज्यूमर की मिलीभगत से लगातार अधिक बिजली खर्च के बावजूद कम रीडिंग के बिल बनने से ऐसा नहीं हुआ। इससे केस्को ऑफिसर दंग रह गए।

ऐसे होती प्रोब बिलिंग
मीटर रीडिंग में फर्जीवाड़ा रोकने और सही बिलिंग के लिए केस्को ने प्रोब बिलिंग की ओर तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक प्रोब बिलिंग में इम्प्लाई को मीटर की रीडिंग मैनुअली फीड कर बिल जेनरेट नहीं करना पड़ता है। इलेक्ट्रिसिटी मीटर में केबिल जोडक़र ऑटोमैटिक रीडिंग, लोड बिलिंग मशीन में आ जाता है। इससे गलत बिल जेनरेट होने की गुंजाइश नहीं रह जाती है। इससे स्टोर रीडिंग के फर्जीवाड़ा के साथ ही गलत बिलिंग की समस्या खत्म हो जाएगी।

केस्को को लगा झटका
सिटी में स्मार्ट मीटर के अलावा लगभग 5.50 लाख अन्य मीटर लगे हुए हैं। इनमें से पिछले महीने तक केस्को ने 2.70 लाख कन्ज्यूमर्स के लगे मीटर्स की प्रोब बिलिंग की। जनवरी में यह संख्या बढक़र 3 लाख तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है। प्रोब बिलिंग और बढ़ाने के लिए आप्टिकल पोर्ट, मीटर बॉक्स, हाईट पर लगे मीटर आदि समस्याओं को दूर किया जा रहा है।

नंबर वन विकास नगर
केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक सिटी में 1.45 लाख से अधिक पुराने मॉडल के इलेक्ट्रिसिटी मीटर लगे है। जिनकी प्रोब बिलिंग की कोई गुंजाइश नहीं हैं। इसमें सबसे अधिक ऐसे मीटर विकास नगर डिवीजन के हैं। इनकी संख्या 13 हजार से अधिक है। दूसरे नम्बर पर नौबस्ता डिवीजन है, जहां ऐसे मीटर्स की संख्या 11 हजार निकली। 10 हजार से अधिक आउटडेटेड मीटर के मामले में दहेली सुजानपुर, हैरिसगंज व हंसपुरम डिवीजन भी शामिल है।

ये है समस्या की वजह
दरअसल करीब ढ़ाई वर्ष पहले जन्माष्टमी को पूर्वांचल के लाखों घर अंधेरे में डूब गए। सीएम ने जांच कराई तो वजह स्मार्ट मीटर निकले। तुरन्त ही उन्होंने स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी। इस बीच केस्को किदवई नगर, बिजलीघर परेड, आलूमंडी, जरीबचौकी आदि डिवीजनों में पुराने मीटर हटाकर उनकी जगह 1.07 लाख स्मार्ट मीटर लगा चुका था। स्मार्ट मीटर पर रोक के बाद केस्को ने फिर से हटाए गए पुराने मीटरों को नए कनेक्शनों और खराब मीटरों की जगह लगाया। अब यही मीटर परेशानी का सबब बन गए हैं। केस्को के चीफ इंजीनियर संजय अग्र्रवाल ने बताया कि अधिक से अधिक प्रोब बिलिंग कराई जा रही है। जो समस्याएं आ रहीं हैं, उन्हें दूर कराया जा रहा है। फिलहाल तीन डिवीजन में पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। रिवैम्प्ड योजना में सभी कन्ज्यूमर्स के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।

इन डिवीजनों में लगे हैं पुराने मीटर
डिवीजन--आउटडेटेड मीटर
विकास नगर--13668
नौबस्ता--11848
हंसपुरम--10936
हैरिसगंज-- 10784
दहेली सुजानपुर--10773
रतनपुर-- 10761
बर्रा विश्व बैंक-- 10417
सर्वोदय नगर - 9693
फूलबाग--9486
कल्याणपुर-- 9488
किदवई नगर-- 9286
गोविन्द नगर--7553
जाजमऊ-- 5730
बिजलीघर परेड--4014
नवाबगंज--3732
पराग डेयरी--2317
दादा नगर-- 2083
आलूमंडी--1940
जरीबचौकी-- 742
गुमटी-- 244
------------------
अधिक से अधिक प्रोब बिलिंग कराई जा रही है। जो समस्याएं आ रहीं हैं, उन्हें दूर कराया जा रहा है। फिलहाल तीन डिवीजन में पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। रिवैम्प्ड योजना में सभी कन्ज्यूमर्स के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे।
संजय अग्र्रवाल, चीफ इंजीनियर, केस्को
----