- पब्लिक स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोत्तरी पर पेरेंट्स एसोसिएशन ने जताया विरोध

- कहा, प्रिंट रेट पर बेच रहे किताबें, ऐसी बुक्स चलाते हैं जो मार्केट में कहीं नहीं मिलतीं

KANPUR:

सिटी के प्रॉमिनेंट पब्लिक स्कूल बच्चों की पढ़ाई के बदले में पेरेंट्स की जेब पर लगातार डाका डाल रहे हैं। साल दर साल पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट स्टूडेंट्स की फीस बढ़ा रहा है लेकिन अपने यहां की टीचर्स को सैलरी में कोई वद्धि नहीं करता। शिक्षा माफिया के पब्लिक स्कूल की बुक्स नवीन मार्केट की ही एक शॉप से लेनी पड़ीं हैं। स्टेशनरी के इस खेल में स्कूल मैनेजमेंट एक सीजन में करोड़ो रुपए की कमाई कर रहा है। यह बातें बुधवार को अभिभावक एसोसिएशन की ओर से मोतीझील में आयोजित प्रोटेस्ट में पेरेंट्स ने कहीं। पेरेंट्स एसोसिएशन के कहना है कि प्रशासन इन पब्लिक स्कूलों को पूरी तरह से संरक्षण दे रहा है।

16 मई को डीएम ऑफिस पर प्रोटेस्ट

एसोसिएशन के सेकेट्री सत्येन्द्र मिश्रा का आरोप है कि कुछ पब्लिक स्कूलों में दुकानें खोलकर स्टेशनरी लेने के लिए पेरेंट्स को विवश किया जाता है। एमआरपी रेट पर पेरेंट्स को बु्क्स दी जाती हैं जबकि मार्केट में अभिभावकों को 15 से 20 परसेंट कम रेट पर स्टेशनरी मिल जाती है। मोनोपोली का लेवल यह है कि ऐसे प्रकाशन की बुक्स चलाई जा रही हैं जो कि मार्केट में उपलब्ध नही हैं। अब 16 मई को डीएम ऑफिस पर प्रोटेस्ट किया जाएगा। इस मौके पर संजय शुक्ला, पूजा कौशल, विवेक शर्मा, सुमित खेड़ा, मदन वर्मा, सरिता त्रिपाठी, आशा जोशी, रश्मि पांडेय, सोनिया चोपड़ा मौजूद रहे।