कानपुर (ब्यूरो) रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बोर्ड ने प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। जिसको एनसीआर रीजन समेत देश के विभिन्न रीजन में जल्द लागू किया जाना है। इसको लेकर रेलवे बोर्ड के साफ्टवेयर को अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि दिसंबर से पैसेंजर्स को मेडिकल पॉलिसी मिलने लगेगी। इसके चलते पैसेंजर्स को जर्नी के दौरान अगर कुछ होता है कि उसे बेस्ट हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट मिल सकेगा।

सरकारी अस्पताल में भर्ती का नियम
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में जर्नी के दौरान किसी भी ट्रेन में अगर किसी पैसेंजर्स की तबियत खराब होती है तो कोच में तैनात टीटीई मामले की जानकारी देकर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह करता है। ट्रेन के अगले स्टॉपेज के बाद रेलवे डॉक्टर पैसेंजर्स को फास्ट ट्रीटमेंट देकर हालत गंभीर होने पर जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा देते हंै। जिसके बाद पैसेंजर्स लावारिस की तरह कई-कई दिनों तक पड़ा रहता है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वालों से शुरू
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन टिकट बुकिंग सर्विस का यूज करने वाले पैसेंजर्स से यह सर्विस फस्र्ट फेज में शुरू की जा रही है। सेकेंड फेस में यह सुविधा काउंटर टिकट लेने वाले पैसेंजर्स को भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मेडिकल सुविधा शुरू होने से सीनियर सिटीजन के साथ ट्रेन में अकेले जर्नी करने वाले लाखों पैसेंजर्स को मिलेगा। इमरजेंसी के दौरान उनको बेस्ट मेडिकल ट्रीटमेंट मिल सकेगी।

- 6 लाख कानपुराइट्स आईआरसीटीसी यूजर्स हैं
- 5 हजार से अधिक टिकट डेली ऑनलाइन बुकिंग होती हंै
- 278 से अधिक ट्रेनों का डेली कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आवागमन
- 18 जोड़ी वीआईपी ट्रेनों का डेली कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आवागमन
- 2 साल से इस प्रोजेक्ट पर रेलवे अधिकारी कर रहे थे काम

रेलवे के लिए उनके पैसेंजर्स की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। अभी भी हम जर्नी के दौरान पैसेंजर्स को रेलवे डॉक्टर्स से मेडिकल सर्विस मुहैया कराते थे। समय को देखते हुए इस सेवा में इम्प्रूवमेंट किया जा रहा है। जल्द ही पैसेंजर्स को नई मेडिकल सर्विस का लाभ मिलने लगेगा।
अमित सिंह, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन