कानपुर (ब्यूरो) हाईटेक हो रही यूपी पुलिस को सुपर हाईटेक करने के लिए शासन ने यूपी के सभी 75 जिलों के लिए 3300 ड्रोन कैमरे परचेज कर लिए हैैं। 15 जनवरी तक ये ड्रोन कैमरे यूपी के सभी जिलों में डिस्ट्रीब्यूट कर दिए जाएंगे। सीनियर ऑफिसर्स की माने तो जिलों के थानों की संख्या पर निर्भर करेगा कि वहां कितने ड्रोन दिए जाएं। साथ ही कमिश्नरेट वाले जिले कानपुर, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद के लिए ड्रोनों की संख्या जिलों के कमिश्नर और सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के साथ मीटिंग कर निर्धारित की जाएगी।

साउंडलेस, लाइटलेस नाइटविजन
यह ड्रोन आम ड्रोन से काफी अलग होंगे। वैसे तो यह 12 किग्रा का है, लेकिन यह 75-100 मीटर तक की ऊंचाई तक जा सकेगा। यह साउंडलेस है, यानी इसकी आवाज से अपराधी सचेत नहीं हो पाएंगे। इसी तरह इसमें किसी भी तरह की लाइट नहीं है। इस कारण रात में ऑपरेशन के दौरान अपराधी को यह अहसास नहीं हो पाएगा कि कोई उन पर नजर रखे हैं। इसमें नाइट विजन कैमरा भी लगा है, जो कि रात में भी अच्छी क्वालिटी की तस्वीर दिखा सकेगा।

ये है पुलिस का प्लान
आईजी इंटेलीजेंस मोहित अग्रवाल ने बताया कि सबसे पहले ये ड्रोन कैमरे प्रदेश के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जिलों को दिए जाएंगे। उसमें कानपुर कमिश्नरेट। आगरा कमिश्नरेट और प्रयागराज कमिश्नरेट के साथ कई कमिश्नरेट आते हैैं। कमिश्नरेट में तैनात टेक्निकल विंग के पुलिस के जवानों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। 15 दिन की प्रॉपर्ली ट्रेनिंग के बाद जिलों में इन ड्रोन का वितरण किया जाएगा। जिलों में पहले फेज में ड्रोन कैमरे राजपत्रित अधिकारियों को दिए जाएंगे, दूसरे फेज में थानेदारों को दिए जाएंगे, जबकि तीसरे फेज में बीट पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे। जिन पुलिसकर्मियों को ये कैमरे आवंटित किए जाएंगे वह ड्रोन ऑपरेट करने के लिए ट्रेंड होंगे।

एक घंटे की फुटेज होगी रिकॉर्ड
इन हाईटेक ड्रोन्स की खूबी की जानकारी करने पर पता चला कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ड्रोन से ये बहुत अलग नहीं होंगे। इनका साइज ऊभी आम ड्रोन की तरह ही होगा। केवल इनका बैट्री बैकअप ज्यादा होगा और इसमेें फुटेज रिकॉर्डिंग की सुविधा होगी, जिससे पुलिस को इविडेंस कलेेक्शन में मदद मिलेगा।

इन ड्राइव्स में होंगे मददगार
- दबिश के दौरान अपराधियों की लोकेशन तलाशने में
- इनवेस्टिगेशन के दौरान आरोप लगने से बचने में
- जुलूस के दौरान दूर तक की तस्वीर दिखाने में
- उपद्रव के दौरान छतों की रिकॉर्डेड लोकेशन दिखाने में
- पुलिस के लिए इविडेंस कलेक्शन करने में
- मकान गिरने के दौरान फंसे लोगों की जानकारी करने में
- आग के दौरान बिल्डिंग में फंसे लोगों की जानकारी करने में।
- ट्रैफिक जाम के दौरान जाम की वजह तलाशने में।

पुलिस को हाईटेक करने के लिए 2023 में हाईटेक ड्रोन परचेज किए गए हैैं। जल्द ही जिलों की पुलिस को दिए जाएंगे।
मोहित अग्रवाल, आईजी टेक्निकल

-75-100 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकेंगे
-12.5 किग्रा होगा वेट
-16 लाख एक ड्रोन की कीमत
-1 घंटे तक ऑपरेशनल होगा
-साउंडलेस
-लाइटलेस
-नाइटविजन कैमरा