कानपुर (ब्यूरो)। शहर में ट्रैफिक अराजकता और जाम का सबसे बड़ा कारण ई रिक्शा बन चुके हैं। वैध और अवैध मिलाकर लगभग 70 हजार ई रिक्शे शहर की रोड्स पर बेलगाम दौड़ रहे हैं। हालात को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने 15 दिन पहले कुछ रूटों पर ई रिक्शा को प्रतिबंधित कर शटल सेवा का ट्रायल किया था। ट्रायल सफल रहने पर बुधवार को 14 रूटों पर ई रिक्शा प्रतिबंधित कर शटर सेवा शुरू कर दी गई। इससे कानपुराइट्स को जाम से राहत तो मिलेगी ही साथ ही हादसों में भी कमी आएगी। शटल सेवा के ये रूट्स कम दूरी के हैैं। शटर सर्विस के स्टार्टिंग और एंड प्वाइंट पर पुलिसकर्मी तैनात किए हैं जिससे ई रिक्शा वहां से आगे नहीं बढ़ पाएं।

ऐसे रूट्स का किया चयन
ट्रैफिक पुलिस की एक्सरसाइज ऐसे रूट्स पर चल रही थी, जहां ट्रैफिक और जाम ज्यादा लगता है। इन रूट्स पर हैवी व्हीकल का मूवमेंट ज्यादा रहता है। आगे आगे ई-रिक्शा की वजह से पीछे से आने वाले ट्रैफिक की स्पीड स्लो हो जाती है और जाम लग जाता है। चौराहे को पार करने में कम से कम दो बार ट्रैफिक लाइट खुलने का इंतजार करना पड़ता है। बताते चलें कि फजलगंज चौराहे से गोविंद नगर जाने के दौरान 165 सेकेंड की रेड लाइट है जबकि केवल 65 सेकेंड की ग्रीन लाइट है। ऐसा ही टाटमिल, विजयनगर, मेघदूत तिराहा, रामादेवी, टाटमिल, यशोदा नगर और नौबस्ता बाई पास पर है।

ठेके पर ई-रिक्शा चलाने वालों पर एक्शन
डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि मेन रोड्स से कटी सेक्शन रोड्स पर ही ई रिक्शा शटल सर्विस के रूप में संचालित करने का प्लान बनाया गया है। जल्द ही इनके रूट निर्धारित किए जाएंगे, जिससे ये दूसरे रूट्स पर नहीं चल सकेंगे। उन्होंने बताया कि कानपुर में सडक़ें इतनी चौड़ी नहीं हैैं कि ई-रिक्शा के लिए अलग लेन बनाई जाए, लिहाजा ये प्लान बनाया गया है। आम तौर पर देखा जाता है कि रेड लाइट होने पर ई-रिक्शा आगे खड़े हो जाते हैैं और जब ग्रीन लाइट होती है तो निकलने में काफी समय लग जाता है। पीछे वाले जब तक आगे आ पाते हैैं लाइट फिर से रेड हो जाती है।

पकड़े जाने पर होंगे सीज
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित रूट पर ई-रिक्शा चलते पाए जाने पर ई-रिक्शा तो सीज होगा ही। साथ ही ई-रिक्शा चालक और ठेके या किराए पर ई-रिक्शा चलवाने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि इससे होली और ईद के बाजार के दौरान लोगों को राहत मिलेगी। शासन के आदेश पर लोकल ट्रैफिक बेहतर करने के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है। प्रतिबंधित रूट्स पर जानकारी के लिए साइन बोर्ड लगाया जाएगा। इसके बाद ई-रिक्शा सीजिंग की कार्रवाई की जाएगी।