कानपुर (ब्यूरो) इस साल अक्टूबर में बीए, बीएससी व बीकाम फाइनल के हजारों स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी कैंपस में हंगामा गलत रिजल्ट जारी होने की बात कही। कई बार कुलपति व प्रतिकुलपति को ज्ञापन देकर रिजल्ट को दोबारा अपडेट करने की मांग की। इसमें वे स्टूडेंट्स भी थे जिन्होंने थर्ड ईयर में तो सभी विषयों में पास हुए, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान प्रोन्नत होने की बजाए विभिन्न विषयों में फेल घोषित कर दिए गए।

लापरवाही का आरोप
इन स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। पिछले दिनों यूनिवर्सिटी में हुई परीक्षा समिति की बैठक में इन स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर फैसला लिया गया था और उन्हें बैक पेपर की अनुमति प्रदान की गई थी। परीक्षा नियंत्रक डा। अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि परीक्षा समिति के अनुमोदन के बाद सेकेंड ईयर में फेल, लेकिन थर्ड ईयर में पास हुए सभी स्टूडेंट्स को बैक पेपर की अनुमति दी गई है। ऐसे सभी स्टूडेंट्स 15 से 24 दिसंबर तक आनलाइन परीक्षा फार्म भरकर शुल्क के साथ आनलाइन जमा कर सकते हैं।

डिजिटल मूल्यांकन बनी समस्या
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस बार पहली बार डिजिटल मूल्यांकन कराया है। इसकी वजह से भी तकनीकी समस्या होने की वजह से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स गलत तरह से फेल हो गए थे। हंगामा होने के बाद यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट में सुधार किया था। वहीं एमएससी में कई विषयों में सवाल सिलेबस से बाहर पूछे गए थे। इसमें भी कुछ में सुधार किया गया था।

प्वाइंटर :
24 दिसंबर तक ऑनलाइन कर सकेते हैं आवेदन
20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स को मिलेगी राहत
07 जिलों में हैं यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज