कानपुर(ब्यूरो)। नगर निगम को हाउस टैक्स में चूना लगाने वाले राजस्व इंस्पेक्टर ने 23 लाख की चपत लगा दी। जोन पांच की 11 संपत्तियों में वार्षिक किराए मूल्यांकन (एआरवी) घटा कर 23 लाख रुपए के हाउस टैक्स का चूना लगा दिया। मामला खुलने पर राजस्व इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा को निकाय निदेशक ने सस्पेंड कर दिया है। पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी अपर निदेशक को सौंपी गई है। हालांकि नगर निगम ने शुरूआती जांच में मामला सही पाया और नगरआयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने सस्पेंड करने की संस्तुति शासन से की थीं।
37 लाख मिलना चाहिए था टैक्स
जोन पांच की 17 संपत्तियों के एआरवी में हेराफेरी करके हाउस टैक्स कम करने का मामला नगर आयुक्त के सामने आया था। इस मामले में 11 संपत्तियों की जांच कराई। राजस्व निरीक्षक ने एआरवी घटा कर 92 लाख 58 हजार 861 रुपए कर दिया था। इसके आधार पर 13 लाख 88 हजार 829 रुपये हाउस टैक्स नगर निगम को मिला था। शिकायत के बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि इन संपत्तियों का एआरवी दो करोड़ 48 लाख 11 हजार 901 रुपये बनता है। इसके आधार पर नगर निगम को 37 लाख 21 हजार 786 रुपये हाउस टैक्स के रूप में मिलने चाहिए थे। इस प्रकार नगर निगम को 23 लाख 32 हजार 957 रुपये कम हाउस टैक्स मिला। इसको लेकर नगर आयुक्त ने शासन को निलंबित करने की संस्तुति की। स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक नेहा शर्मा ने राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया और अपर निदेशक ऋतु सुहास को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

6 माह से तलाशी जा रही रसीद बुक
इससे पहले भी एक पहले ही राजस्व इंस्पेक्टर सस्पेंड हो चुका। उसके पास से रसीद बुक गायब मिली थीं। नामांतरण शुल्क नगर निगम में न जमा करने के मामले में पहले ही राजस्व निरीक्षक हर्षित मिश्रा सस्पेंड किया जा चुका है। जोन दो में तैनात राजस्व निरीक्षक मीनाक्षी ङ्क्षसह को हटा कर जोन एक भी दिया गया है। जोन पांच में एक रसीद बुक गायब है। इसको छह माह से ढूंढा जा रहा है। इसकी जांच कराई जाए तो कई फर्जी भुगतान जमा करके नगर निगम को जब्त लगाने का मामला सामने आएगा। इसको ढूंढने के नगर आयुक्त ने आदेश दिए है। इस मामले में एक कर्मचारी फंसता नजर आ रहा है।

&& जोन पांच में बचे सात भवनों के एआरवी की भी जांच कराई जा रही है। साथ ही गायब रसीद बुक को ढूंढने के आदेश दिए है। रसीद बुक किसको दी गयी है इसको लेकर दस्तावेजों से जांच कराई जा रही है। कार्रवाई की जाएगी.&य&य
- शिव शरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त