कानपुर (ब्यूरो) रिकवरी एप के साथ महराष्ट्र से आई टीम ने काम करना शुरू किया तो परत दर परत मर्डर मिस्ट्री से धूल की परतें हटती गईं और आरोपी के खिलाफ इविडेेंस मिल गए। जबकि इसी आरोपी से पुलिस पहले तीन बार पूछताछ कर चुकी थी लेकिन शातिर पुलिस को बरगलाता रहा। मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद जब विकास यादव के सामने उसकी रिकवर चैट रखी गई तो उसके तोते उड़ गए। अब कहने को कुछ नहीं था लिहाजा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एप के जरिए पुलिस को कई ऐसे चैट मिले हैं, जिससे ये साबित होता है कि विकास ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया है।

1 साल से चल रहा था अफेयर
कानपुर के चर्चित रोनित मर्डर केस का 37 दिन बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस के मुताबिक, लव ट्रायंगल के शक में रोनित की हत्या की गई। कोचिंग में साथ पढऩे वाली लड़की से रोनित की अच्छी दोस्ती थी। लेकिन, उसके प्रेमी को शक था कि दोनों का अफेयर चल रहा है। छात्रा ने अपने प्रेमी का शक दूर करने के लिए कई बार समझाया, लेकिन वो नहीं माना। यहां तक की उसने रोनित से राखी बंधवाकर उसकी डीपी भी लगाई। लेकिन इसके बाद भी प्रेमी ने रोनित की हत्या कर दी।

कोचिंग में मिली थी छात्रा
चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर के डी-ब्लॉक में रोनित का घर है। रोनित के घर से कुछ ही दूरी पर छात्रा रहती है। रोनित और छात्रा की दोस्ती कोचिंग सेंटर में हुई थी। दोनों एक-दूसरे को 10वीं क्लास से जानते थे। रोनित पढ़ाई में अच्छा था तो वह छात्रा की मदद करता था, लेकिन छात्रा का प्रेमी विकास, रोनित को पसंद नहीं करता था। इसको लेकर विकास और छात्रा के बीच कई बार विवाद भी हुआ। यहां तक कि जून में ही उसने रोनित को रास्ते से हटाने की बात छात्रा से कही थी।

ऐसे राडार पर आया विकास
पुलिस को शुरआती जांच में रोनित के मोबाइल डिटेल से छात्रा का कनेक्शन मिला था। वही छात्रा के के मोबाइल की सीडीआर से विकास राडार पर आया। लेकिन पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिल रहा था। महाराष्ट्र से आई टीम ने एप की मदद से विकास यादव और छात्रा के टेक्स्ट मैसेज से लेकर वॉट्सऐप चैट रिकवर करने में सफलता मिली। इसके बाद हत्याकांड का सच सामने आ गया। सर्विलांस से पता चला कि घटना के दिन विकास यादव का नंबर घटनास्थल के आसपास एक्टिव था। पुलिस ने विकास यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, लेकिन पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं थे, इसलिए पुलिस ने उसे छोड़ दिया था

विकास अकेला या साथी भी?
पुलिस इस बात की जानकारी जुटा रही है कि विकास ने अकेले घटना को अंजाम दिया है या फिर उसके साथ अन्य लोग भी मौजूद थे। रोनित वीरेंद्र स्वरूप स्कूल श्याम नगर में 12वीं में पढ़ता था। 30 अक्टूबर को वह स्कूल गया था, लेकिन घर नहीं लौटा। परिजनों ने तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने स्कूल में संपर्क किया। वहां उन्हें पता चला कि बेटा स्कूल से छुट्टी के बाद जा चुका है। इसके बाद रोनित की तलाश परिजन रेलवे स्टेशन, बस स्टाप के अलावा अन्य स्थानों पर करते रहे। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। अगले दिन सुबह पास के जंगल में उसकी लाश मिली।

सदन में भी गूंजा रोनित हत्याकांड
कानपुर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने मंगलवार को सदन में रोनित हत्याकांड का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सदन में चीख-चीख कर कहा कि यह वही कानपुर पुलिस है, जो बीते 36 दिनों से रोनित हत्याकांड का खुलासा नहीं कर पा रही है, लेकिन सपा के विधायक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होने के बाद भी एफआईआर दर्ज कर दी। इसके बाद पूरे जिले की पुलिस विधायक के पीछे लगा दी गई। लेकिन हत्याकांड का खुलासा पुलिस नहीं कर पा रही है।

पुलिस की तीन टीमों ने दिन रात एक घटना का खुलासा किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर

वारदात का खुलासा हो गया है, लेकिन अभी बहुत से सवाल हैं, जिनका उत्तर नहीं मिला है। आरोपी को रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ की जाएगी और नए साक्ष्य भी जुटाए जाएंगे।
आनंद प्रकाश तिवारी, जेसीपी कानपुर कमिश्नरेट