-डब्ल्यूएचओ और सरकार ने सैनेटाइजेशन टनल को बताया हार्मफुल, कानपुर में दो हैलट और उर्सला के बाहर लगाई गई है टनल

- सैनेटाइजर टनल में यूज किया जाने वाला कैमिकल सोडियम हाइपोक्लोराइड ह्यूमन स्किन और कपड़ों को पहुंचाता है नुकसान

-हेल्थ डिपार्टमेंट की गाइडलाइन में ऑफिसेस और पब्लिक एरियाज में ही यूज करने निर्देश, लोगों के लिए हाथ धोना ही सबसे अच्छा

KANPUR: कोविड-19 से लड़ने के लिए सैनेटाइजर सबसे अहम हथियार है। लेकिन सैनटाइजर में यूज होने वाला सोडियम हाइपोक्लोराइड कैमिकल स्किन, आंखों और कपड़ों के लिए काफी हार्मफुल है। इसका छिड़काव पूरे शहर में निर्जीव वस्तुओं पर ही किया जा रहा है। वहीं मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की तरफ से जारी गाइडलाइन में कैमिकल का यूज सिर्फऑफिस, पब्लिक एरिया समेत अन्य जगहों को डिस्इंफैक्ट करने के लिए कहा गया है। गाइडलाइन में हाथों को सैनेटाइजर से सैनेटाइज और साबुन से हाथ धोने के लिए सर्वश्रेष्ष्ठ बताया गया है। लेकिन, सैनेटाइजर टनल में यूज होने वाला कैमिकल ह्यूमन बॉडी के लिए नुकसानदायक है।

कई जगहों पर यूज नहीं

देश के कई स्टेट्स में सैनेटाइजेशन टनल के यूज को लेकर विचार किया जा रहा है, जबकि कई जगहों पर इसमें बेहद कम मात्रा में कैमिकल का यूज हो रहा है। कानपुर नगर निगम ने भी कई सैनेटाइजर टनल तैयार कराई, लेकिन इसमें यूज होने खतरनाक कैमिकल के चलते टनल को वर्कशॉप में ही सुरक्षित कर दिया गया है। अभी तक कानपुर में हैलट और उर्सला में ही संस्थाओं द्वारा दान की गई 2 टनल ही इंस्टॉल की गई हैं।

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बेहद संवेदनशील है कैमिकल

टनल से लोगों के निकलने के दौरान उन पर सैनेटाइजर की बारिश होगी। यह टनल लगाए जाने से पहले ही डब्ल्यूएचओ और सरकार की तरफ से इन्हें हानिकारक करार दे दिया गया। हेल्थ डिपार्टमेंट से मिली सूचना के अनुसार केमिकल कपड़ों पर लगता है तो धब्बे छोड़ देता है और स्किन से छूने पर वहां पर कालापन ला देता है। खुजली भी होने लगती है। वहीं तमिलनाडु गवर्नमेंट ने इसके यूज को लेकर पूरी तरह रोक लगा दी है।

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सैनेटाइजेशन टनल: फैक्ट्स

-कपड़ों पर धब्बे छोड़ देता है केमिकल

-स्किन में छूने पर हो जाते हैं ब्लैक स्पॉट

-शरीर में खुजली भी होने लगती है

-डब्ल्यूएचओ, केंद्र सरकार ने इसे खतरा बताया

-टनल में यूज होने वाले कैमिकल पर हो रहा मंथन

-स्वास्थ्य विभाग जारी करेगा नई गाइडलाइन

हेल्थ डिपार्टमेंट कर रहा है विचार

डब्ल्यूएचओ समेत केन्द्र और हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसे खतरा बता दिया है। टनल को लेकर बहुत जल्द स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नई गाइडलाइन जारी होने वाली है। इसके अलावा नगर निगम में खुद इस बात पर मंथन चल रहा है कि सैनेटाइजर टनल में कौन सा केमिकल इस्तेमाल किया जाए, जिससे उससे गुजरने वाले लोगों के लिए खतरा खत्म हो सके।

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हाथ धोना ही सबसे अच्छा

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में हाथों को सैनेटाइज और साबुन से हाथ धोना ही सबसे बेहतर उपाय बताया गया है। सोडियम हाइपोक्लोराइड से बॉडी को सैनेटाइज करने की बात कहीं भी नहीं कही गई है। कई रिसर्च भी हाथ धोने को सबसे अच्छा बता चुकी हैं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग भी सबसे कारगर बताया गया है।

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आरओ वाटर लगाकर देने की बात

मंडे को काजी इंजीनियरिंग प्रा। लि। द्वारा सैनेटाइजर टनल डीएम के माध्यम से हैलट को समर्पित की है। टनल में कैमिकल के यूज को लेकर जब कंपनी के डायरेक्टर एसएच काजी से पूछा तो उन्होंने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को फोन पर बताया कि हमने सिर्फ आरओ वाटर टैंक के साथ टनल को सौंपा है। इसमें अब वह कैमिकल का यूज करें या हैंडवॉश का ये हेल्थ विभाग तय करे।

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सैनेटाइजर टनल में सोडियम हाइपोक्लोराइड कैमिकल के यूज को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट की गाइडलाइन दिखवाई जा रही है। आईसीएमआर जो भी निर्देश जारी करेगी वैसा ही किया जाएगा।

-डा। ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीएम।

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