-मांगों को लेकर परिजन ट्यूजडे को शास्त्री चौक पर धरने पर बैठे, संजीत के पिता और बहन को पुलिस ने हिरासत में लिया

- मां ने महिला पुलिसकर्मियों पर लगाया मारपीट और बेटी को अपराधियों की तरह खींचकर ले जाने आरोप

KANPUR: संजीत किडनैपिंग एंड मर्डर केस में शासन से आदेश के बाद भी सीबीआई जांच शुरू न होने से परिवार में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जांच शुरू करने सहित अन्य मांगों को लेकर ट्यूजडे सुबहसंजीत के परिजन शास्त्री चौक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए। इसका पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और संजीत के पिता व बहन समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया। इस दौरान परिजनों की पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई। हंगामे के चले संजीत के शव की तलाश के लिए चलाया जा रहा सर्च आपरेशन मंगलवार को नहीं चल सका। एसएचओ बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि बुधवार को सर्च आपरेशन चलाया जाएगा।

फोर्स लेकर पहुंचे सीओ

संजीत अपहरण और हत्याकांड में परिजन सीबीआई जांच, एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, फिरौती में दी रकम की बरामदगी और बेटी की सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। परिजनों के धरने पर बैठने की खबर मिलते ही जनता नगर चौकी और थाना पुलिस आ गई। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो संजीत के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देखकर सीओ गो¨वद नगर विकास कुमार पांडेय फोर्स लेकर पहुंचे। नोकझोक और धक्का-मुक्की के बीच पुलिस ने संजीत के पिता चमन सिंह, बहन रुचि को जबरन खींचकर उठाया तो मामा बलबीर, चमन के भांजे हरीश व पड़ोसी दुर्गेश ने विरोध करते हुए पिता-पुत्री को छुड़ाने की कोशिश की। इस पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर जीप से थाने भेजा। करीब तीन घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रही। बाद में चौकी पुलिस ने संजीत की मां को घर भेजा। बवाल की आशंका के चलते पुलिस ने हिरासत में लिए गए संजीत के परिजनों को जूही थाने में नजरबंद किया।

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पुलिस की संजीत के परिवार के साथ पूरी सहानभूति है। मदद के लिए पुलिस हर वक्त खड़ी है। कुछ लोग परिजनों को भड़का कर धरना-प्रदर्शन कराते हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम चल रहा है।

- विकास कुमार पांडेय, सीओ गो¨वद नगर

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मां ने किया खुदखुशी करने का प्रयास

पति और बेटी को हिरासत में लिए जाने के बाद घर के बाहर पार्क में बैठी कुसुम ने कहा कि पुलिस बेटे को तो तलाश नहीं पा रही हम से अपराधियों जैसे बर्ताव किया जा रहा है। इतना बोल वह फफक पड़ीं और अचानक से उठकर घर के अंदर भागी और दरवाजा बंद कर लिया। पीछे दौड़े परिजनों और पुलिसकर्मियों का शोर सुनकर ऊपरी मंजिल में रहने वाले किराएदार ने दरवाजा खोला। लोग अंदर पहुंचे तो कुसुम फंदा लगा रही थीं। पुलिसकर्मी किसी तरह समझाकर उन्हें बाहर लाए।