कानपुर (ब्यूरो)। यूपीएमआरसी ने कानपुर मेट्रो के सेकेंड कॉरिडोर सीएसए से बर्रा-8 तक को बनाने की तैयारी तेज कर दी है। मेट्रो स्टेशंस सहित यह कॉरिडोर करीब 190 करोड़ से बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर दो पार्ट में बनाया जाएगा। पहला पार्ट सीएसए से डबल पुलिया तक 762.5 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा। वहीं इसके आगे बर्रा-8 तक मेट्रो स्टेशन सहित एलीवेटेड ट्रैक 427 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा। इसे बनाने के लिए भी कम्पनी भी फाइनल हो गई हैं। इससे कानपुर साउथ के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। उन्हें जाम से जूझना नहीं पड़ेगा।

इसी वर्ष पूरे कारिडोर में चलेगी
कानपुर मेट्रो के पहले कॉरिडोर के बचे हुए हिस्से में तेजी से काम चल रहा है। आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो दौड़ रही है। मैकराबर्ट्सगंज से नयागंज के अंडरग्र्राउंड टनल बन गई है। हालांकि नयागंज से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच काम चल रहा है। वहीं इसके आगे नौबस्ता तक एलीवेटेड ट्रैक के सभी पिलर बन चुके हैं। पिछले वीक आए सिटी आए यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी सुशील कुमार ने कहा था कि पूरा प्रयास किया जा रहा है कि इसी वर्ष आईआईटी से नौबस्ता तक पूरे कॉरिडोर में मेट्रो शुरू कर दी जाए।

मुंबई की कंपनी को जिम्मेदारी
सीएसए से बर्रा-8 तक दूसरा कॉरिडोर दो पार्ट में बनाया जा रहा है। पहले पार्ट में रावतपुर, काकादेव व डबलपुलिया अंडरग्र्राउंड मेट्रो स्टेशन, सीएसए में डिपो, मेन लाइन व रैम्प बनाया जाएगा। रावतपुर में पहले कॉरिडोर का एलीवेटेड मेट्रो स्टेशन बना हुआ है। सेकेंड कॉरिडोर में यहां अंडरग्र्राउंड मेट्रो स्टेशन बनेगा। यह हिस्सा 762.50 करोड़ रुपए बनाया जाएगा। इसे बनाने की जिम्मेदारी मुंबई की ज्वाइंट वेंचर कम्पनी को मिली है।

बर्रा 8 तक जाएगा
इसी तरह दूसरा पार्ट डबल पुलिया के आगे से एलीवेटेड होकर बर्रा 8 तक जाएगा। लगभग 4.3 किलोमीटर लंबा यह हिस्सा 427.11 करोड़ रूपए से बनाया जाएगा। इसे बनाने की जिम्मेदारी लुधियाना की कम्पनी को लुधियाना की कम्पनी को मिली है। इस पार्ट का टेंडर हासिल करने की दौड़ में पांच कम्पनियां शामिल थी। इस हिस्से में ट्रैक के साथ विजय नगर चौराहा, शास्त्री चौक बर्रा, बर्रा-7 और बर्रा-8 एलीवेटेड मेट्रो स्टेशन, आर्किटेक्चर फिनिशिंग, इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल वर्क, स्पेशल स्पैन आदि वर्क शामिल है।

यूटिलिटी शिफ्टिंग
सेकेंड कॉरिडोर के सीएसए से डबल पुलिया तक हिस्से को बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस हिस्से के लिए कम्पनी फरवरी में फाइनल हो गई थी। काकादेव के पास यूटिलिटी का काम शुरू हो गया है। इसके लिए काकादेव नीरक्षीर चौराहा के पास ट्रैफिक डायवर्जन भी है। हालांकि डी वॉल बनाने का काम शुरू नहीं हुआ।