कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर गिनती बेहद संवेदनशील शहरों में होती है। छोटी छोटी बातों में बड़े बड़े उपद्रव और बवाल हो जाते हैं। आतंकी वारदातों को लेकर भी शहर हाई अलर्ट पर रहता है। शहर की कानून व्यवस्था हमेशा खतरे में रहती है। शायद यही वजह है कि बीते साल 2022 में पांच महीने से ज्यादा समय तक शांति भंग के खतरे के चलते शहर में धारा 144 लागू रही। कभी चुनाव को लेकर तो कभी बड़े त्योहारों और धार्मिक आयोजन को लेकर तो कभी बवाल की आशंका पर। वहीं साल 2023 के शुरू होते एक बार जिले में धारा 144 लागू हो गई है।

खुफिया तंत्र भी एक्टिव
दरअसल गणतंत्र दिवस में अब चंद दिन ही बचे हैं। वहीं दिल्ली में दो दिन पहले आतंकी पकड़े गए थे। इनसे मिले इनपुट के आधार पर गणतंत्र दिवस को देखते हुए यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया। जिसके बाद से धारा-144 लागू कर दी गई। पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है। होटल, धर्मशाला व लाज में चेङ्क्षकग बढ़ाने के साथ ही दूसरे राज्यों से आने वालों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही उससे पूछताछ कर उससे जुड़ा पूरा ब्योरा दर्ज किए जाने को कहा गया है। खुफिया तंत्र को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 26 जनवरी को होने वाले आयोजनों को लेकर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाने के निर्देश हैं।

क्यों लगाई जाती है धारा-144
शहर में कहीं भी कानून व्यवस्था बिगडऩे या सुरक्षा की दृष्टि को लेकर संदेह होता है, उसके लिए धारा-144 लागू की जाती है। विधानसभा, लोकसभा या पंचायत चुनावों के दौरान भी धारा-144 लागू की जाती है। साथ ही कहीं अगर बवाल, हिंसा या दंगा हो जाए तो अहतियातन धारा-144 लागू की जा सकती है। इससे लोगों को एक साथ रहने की आजादी नहीं रहती है। जहां धारा 144 जहां लगती है, उस इलाके में 5 या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते।

सीपी को है अधिकार
धारा 144 लगने के बाद जरूरत पडऩे पर इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है। इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है। धारा 144 का मुख्य मकसद कई लोगों को एक जगह पर इक_ा होने से रोकना है। जिससे किसी प्रकार का लड़ाई झगड़ा, फसाद या बवाल की नौबत न आए। इसे लगाने का अधिकार कानपुर कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर को है। इसके पहले इसे लागू करने के लिए डीएम एक नोटिफिकेशन जारी करता था।

उल्लंघन पर सजा का प्रावधान
सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। गैरकानूनी तरीके से इक_े होने पर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम 3 साल कैद की सजा हो सकती है। वहीं सेक्शन 144 लागू होने का मतलब कफ्र्यू नहीं है। कफ्र्यू लोगों को एक विशेष समय के लिए घर के अंदर रहने का आदेश देता है। समय इसमें काफी महत्वपूर्ण होता है। हालांकि यदि आवश्यक हो तो कफ्र्यू की अवधि को बढ़ा भी सकते हैं। धारा 144 लागू होने पर आप रोज की तरह ही सामान्य जीवन जी सकते हैं। संदिग्ध दिखने पर ही पुलिस रोक टोक करती है।

इस तरह धारा-144 के साथ बीता 2022
1 जनवरी से 15 फरवरी तक : न्यू ईयर, गणतंत्र दिवस, गंगा स्नान, वेलेंटाइन डे
1 मार्च से 30 मार्च तक : होली और दूसरे त्यौहारों की वजह से।
2 जून से 31 जुलाई तक : नई सडक़ पर हुए भारी उपद्रव की वजह से
19 अगस्त से 31 अगस्त तक : जन्माष्टमी और गणेश महोत्सव की वजह से।
1 अक्टूबर से लेकर 30 नवंबर तक : एक महीने में 11 फेस्टिवल होने की वजह से।
15 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक : न्यू र्ईयर और एमएलसी इलेक्शन के नामांकन

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इन बातों का रखना होगा ध्यान
-बगैर अनुमति 5 या इससे अधिक व्यक्ति एक साथ एकजुट नहीं हो सकते हैं।
-अगर ऐसा करते कोई पाया गया तो धारा-144 का उल्लंघन माना जाएगा।
- जुलूस और रैली जैसे आयोजन बगैर अनुमति के नहीं हो सकेंगे।
- किसी सार्वजनिक स्थान पर आतिशबाजी करने पर प्रतिबंध रहेगा।
-शराब ठेका या बीयर बार निर्धारित समय के बाद खुले पाए गए तो लाइसेंस होगा रद
-अगर कोई नशे में वाहन चलाते पाया गया सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
- किसी भी परीक्षा केंद्र से 200 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर लगाने पर रोक
- धारा-144 लागू रहने के दौरान कोई भी किसी के धर्म को लेकर टिप्पणी नहीं करेगा
-धार्मिक स्थानों, दीवारों या अन्य किसी स्थान पर धार्मिक पोस्टर, बैनर लगाने पर रोक
- अगर किसी ने सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाइ

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गणतंत्र दिवस पर यूपी में अलर्ट जारी होने की वजह से कानपुर में धारा-144 लगाई जा रही है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर कमिश्नरेट