- साढ़ू हसन खां के इंतकाल की जानकारी मिलते ही पकड़ लिया सिर, क्वारंटीन के दो दिन बाकी, सहारे का इंतजार कर रही बूढ़ी आंखें

-30 साल पहले पाकिस्तान घूमने गए शमसुद्दीन वहीं फंस गए थे, कुछ दिन पहले ही जेल से छूटने के बाद पंजाब के अमृतसर में हैं क्वारंटीन

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KANPUR : पाकिस्तान में बिना किसी दोष के यातनाएं सहने वाले शमसुद्दीन का क्वारंटाइन पीरियड दो दिन बाद पूरा हो रहा है। शमसुद्दीन को तलाश है तो केवल उस व्यक्ति की जो बजरंगी भाईजान का किरदार निभाकर उन्हें अमृतसर के हास्पिटल से रिसीव कर मुल्क में उसकी पहचान बता सके। दरअसल, परिवार के किसी व्यक्ति के संपर्क न करने से शमसुद्दीन की चिंता बढ़ गई है। शमसुद्दीन ने सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों के मोबाइल से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से संपर्क किया और व्हाट्सएप से अपनी तस्वीर भेजी। उन्होंने फोन पर बताया कि उन्हें रिसीव करने वाला कोई नहीं है। लिहाजा पुलिस लाइन के सी-टू क्वार्टर में रहने वाले उनके साढ़ू मुहम्मद हसन से बात करा दी जाए। मुहम्मद हसन की जानकारी करने पर पता चला कि उनका पांच साल पहले इंतकाल हो गया था। मूल रूप से सुल्तानपुर निवासी मुहम्मद हसन पुलिस बैंड में थे। उनके इंतकाल के बाद परिवार वाले सरकारी आवास छोड़कर चले गए। हसन का एक बेटा मेस्टन रोड में दुकान लगाता है जबकि दामाद चमड़ा मंडी में दुकान लगाता है। हसन का इंतकाल की जानकारी मिलते ही शमसुद्दीन की आंखें भर आई और उसने सिर पकड़ लिया।

लाहौर एम्बेसी से भी मिला धोखा

शमसुद्दीन को यातनाएं देने में तो पाकिस्तान ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उसके वीजा के साथ भी खेल कर दिया है। उसे पी कैटेगरी का वीजा दिया गया है। इस वीजे की अवधि 23 -10-2020 से 22-01-2021 तक की है। इस्लामाबाद से जारी हुए इस वीजे को तीन महीने के लिए जारी किया गया है। इस वीजे में शमसुद्दीन का मूल पता कड़ीवार आंध्र प्रदेश दिखाया गया है। जबकि वर्तमान पता लाहौर जेल दिखाया गया है। शमसुद्दीन के मुताबिक उनका आंध्र प्रदेश से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।

सिक्युरिटी टीम कर रही निगरानी

पुलिस सूत्रों की माने तो शमसुद्दीन लंबे समय तक पाकिस्तान में रह कर आया है। वहां इन्हें भारतीय जासूस कहकर लाहौर की जेल में डाल दिया गया था। जहां वे अपनी सफाई तक न दे सके थे। सुरक्षा एजेंसियों को शमसुद्दीन के पाकिस्तान का जासूस होने का भी शक है। जिसकी वजह से कोई परिवार वाला उनके पास नहीं जा रहा है। हॉस्पिटल में भी उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जा रहा है। 8-8 घंटे की शिफ्ट में तीन सिक्युरिटी टीम अस्पताल में लगी हैं। जो उनकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रही हैं।

कई टेस्टों से गुजरे शमसुद्दीन

क्वारंटीन के पहले शमसुद्दीन कई टेस्ट से गुजर चुका है। पाकिस्तान के लाहौर में जहां उन्हें तमाम यातनाएं दी गईं वहीं लाई डिटेक्शन टेस्ट, नार्को टेस्ट, पोलियोग्राफिक टेस्ट, ब्रेन मैपिंग भी किया गया। कुछ न निकलने पर उसे लाहौर जेल में डाल दिया गया। भारत आने पर भी उसके तमाम टेस्ट किए गए। भारत आने पर उससे कई बार पूछताछ के सख्त दौर से गुजरना पड़ा। दोनों देशों के कानून का भी सामना करना पड़ा। शमसुद्दीन का दर्द उनकी आवाज से झलकता है। शमसुद्दीन ने बताया कि पासपोर्ट क्या जला मेरी जिंदगी ही खाक हो गई।

कैसे पहुंचे पाकिस्तान?

शमसुद्दीन छेरहटा के नरायणगढ़ (अमृतसर, पंजाब) के अर्बन कम्युनिटी हेल्ट सेंटर में क्वारंटीन किए गए हैं। शमसुद्दीन ने बताया कि वे 30 साल पहले वह मोहल्ले के रहने वाले सैदुल्लाह साहब की बेटी और दामाद के साथ पाकिस्तान घूमने गए थे। इसके बाद से वे वापस नही लौटे। पता चला कि वह जिसके साथ गए थे। उसके घर में आग लग गई। वहां आगजनी में पासपोर्ट के साथ बैग में रखा उनका सारा सामान जल गया था। जिसके चलते वह पाकिस्तान में फंस गए थे।