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KANPUR : तमाम उतार-चढ़ावों और तकनीकी चुनौतियों से निपटते आखिर ऐतिहासिक सीसामऊ नाला गंगा में गिरना बंद हो गया। कुंभ से पहले नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत जल निगम ने सीसामऊ नाले को टैप करने ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर दी। जल निगम ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को रिपोर्ट सौंपते हुए नाला को टैप किए जाने की जानकारी दी। बता दें कि पिछले 126 साल से सीसामऊ नाला लगातार गंगा का आंचल मैला कर रहा था। गंगा में गिरने वाले सीवेज का 40 परसेंट हिस्सेदार सीसामऊ नाला ही था। रोजाना 14 करोड़ लीटर सीवेज गंगा में गिर रहा था। जल निगम को नाला 31 अक्टूबर तक टैप करना था, लेकिन कार्य में देरी की वजह से इसे पूरी तरह से 19 दिसंबर को टैप कर दिया गया था। भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से सीवेज को पंप कर जाजमऊ एसटीपी भेजा जा रहा है। 63 करोड़ रुपए से नाले को टैप करने का कार्य पूरा किया गया।

इतिहास में सीसामऊ नाला

-1892 में सीसामऊ नाले का निर्माण किया गया।

-14 करोड़ लीटर सीवेज रोजाना गंगा में गिर रहा था।

-40 परसेंट प्रदूषित जल गंगा में अकेले छोड़ रहा था।

-15 लाख आबादी का प्रदूषित पानी गंगा में गिर रहा था।

-40 मोहल्ले इस नाले से जुड़े हुए थे।

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नाला टैप करने का कार्य

-27 जुलाई 2017 को नाला बंद करने का कार्य शुरू हुआ।

-7 जुलाई 2018 बकरमंडी का हिस्सा बंद हुआ।

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इन घाटों में मिलेगा साफ पानी

-भैरोघाट

-मैगजीन घाट

-रानी घाट

-अस्पताल घाट

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ये नाले बंद हो चुके हैं

म्योर मिल नाला, डबका नाला, नवाबगंज नाला बंद किया जा चुका है। परमियापुरवा व गुप्तार घाट नाला बंद करने के लिए तेजी से काम हो रहा है।