- दो महीने से चल रही एसआईटी की जांच रिपोर्ट में सामने आया कड़वा सच, दो साल में सामने आए 14 मामलों की हुई जांच

- अगले हफ्ते आईजी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट, नौ मामलों में जांच में लव जेहाद के पर्याप्त सबूत मिले, पांच में लग चुकी है चार्जशीट

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KANPUR : शहर में लव-जिहाद का गंदा खेल चल रहा है। लव जिहाद के मामलों को को लेकर गठित एसआईटी की दो महीने लंबी जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। एसआईटी की जांच पूरी हो गई है। पुलिस रिपोर्ट को कंपाइल कर रही है। अगले सप्ताह रिपोर्ट आईजी को सौंप दी जाएगी। अगस्त में शालिनी यादव के प्रकरण को लेकर शहर में लव जेहाद की चर्चा ने जोर पकड़ा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी मोहित अग्रवाल के आदेश पर एसपी साउथ दीपक के नेतृत्व में नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन हुआ था। आठ सदस्यीय जांच टीम की कमान सीओ गो¨वदनगर विकास कुमार पांडेय के हाथों में थी।

22 मामलों की हुई जांच

आईजी ने दो साल पहले से दर्ज मुकदमों को जांच के दायरे में लेने का आदेश दिया था। जांच हुई तो एसआईटी के गठन तक 12 मामले पूर्व में दर्ज पाए गए, जबकि 11 मामले उसके बाद प्रकाश में आए। सूत्रों की मानें तो इनमें से 14 मामलों को लव जेहाद की श्रेणी के रखते हुए जांच के दायरे में लिया गया। पांच मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगने की वजह से पुलिस को इन मामलों में कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन बाकी बचे नौ मामलों में पुलिस को लव जेहाद के पर्याप्त सबूत मिले। इन नौ मामलों में पांच में चार्जशीट लग चुकी है, जबकि चार में चार्जशीट की दिशा में जांच चल रही है।

आपस में दोस्त थे सभ्ाी आरोपी

लव जेहाद के मामलों में पुलिस को सबसे बड़ी सफलता जूही लाल कॉलोनी से जुड़े मामलों में ही मिली है। जांच के बाद ये पाया गया है कि सभी एक दूसरे को जानते थे और उनके बीच दोस्ती भी थी। ऐसे में यह संयोग नहीं हो सकता है कि सभी दूसरे संप्रदाय की लड़कियों के साथ अफेयर में हों।

टोना-टोटका का भी जिक्र

सूत्रों के मुताबिक एसआईटी को लड़कियों को फंसाने में टोना -टोटका का प्रयोग करने के भी सबूत मिले हैं। तीन मामले तो हाल ही में प्रकाश में आए थे, जिसमें बरामदगी के बाद लड़कियों की मानसिक हालत ठीक नहीं मिली थी। उनके गले या बांह पर ताबीज बंधा मिला था।

असली खिलाड़ी पकड़ से बाहर

आईजी ने मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से यह तलाशने को भी कहा था कि इन आरोपियों को कहीं बाहर से आर्थिक मदद तो नहीं मिल रही है। आरोपियों के संबंध किन लोगों से हैं और कहीं वह लोग प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े तो नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक मोबाइल सर्विलांस से पुलिस को कोई बड़ा सबूत हाथ नहीं लगा है।

एसआईटी प्रभारी ने बताया है कि लव-जिहाद के मामलों की जांच पूरी हो गई है। टीम अगले सप्ताह तक रिपोर्ट मुझे सौंप देगी। रिपोर्ट को देखने के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि इस प्रकरण में आगे क्या किया जाए।

मोहित अग्रवाल, आईजी