एसआईटी तोड़ेगी धर्मातरण कराने वालों का नेटवर्क

- लगातार सामने आ रहे नए मामलों पर शासन गंभीर, एसआईटी का किया गठन, शहर के एक आईपीएस भी टीम में

- गुम हुए बच्चों और रास्ता भटके युवाओं के बीच तलाशेगी धर्मातरण के सुराग, फंडिंग करने वालों की भी तलाश

kanpur : देश में धर्मातरण का मुद्दा गर्माता जा रहा है। कानपुर के साथ-साथ नोएडा, फतेहपुर, लखनऊ और प्रयागराज समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले धर्मातरण की चपेट में आ गए हैं। लगातार नए मामले सामने आने के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। धर्मातरण के मामलो की जांच के लिए शासन ने एसआईटी की गठन किया है। शहर में तैनात एडीसीपी डॉ। अनिल कुमार को इस टीम में शामिल किया गया है। सीनियर आईपीएस हरी राम शर्मा इस पूरी एसआईटी के हेड बनाए गए हैं। शहर में तैनात दो एडीसीपी भी एसआईटी में शामिल किए जाएंगे।

हर गुमशुदा की डिटेल मांगी

सभी थानों से गुमशुदा युवाओं की जानकारी मांगी गई है। जिसमें जानकारी देनी होगी कि ये व्यक्ति कब गुम हुआ? इसकी तलाश के क्या-क्या प्रयास किए गए? आखिर इसकी तलाश क्यों बंद की गई? इसकी जानकारी किन-किन अधिकारियों को है? इनवेस्टिगेशन का लास्ट प्वाइंट क्या था? इसके बाद इनके परिजनों और रिश्तेदारों के मोबइल नंबर लेकर ये चेक किया जाएगा कि कहीं ये परिवार वालों के संपर्क में तो नहीं है। अगर इनके परिजनों के मोबाइल में कोई ऐसा नंबर मिलता है, जिस पर लगातार बात हो रही है। तो उस नंबर को सर्विलांस पर लेकर हियरिंग की जाएगी। जिसके बाद इन नंबरों की फ्रिस्किंग की जाएगी।

लव जिहाद के मामले

पुलिस अधिकारियों की मानें तो कानपुर में गलत नाम बताकर प्रेम जाल में फंसाने के बाद भोली भाली युवतियों को शातिर बरगलाते हैं। शादी का झांसा देते हैं और ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन के लिए तैयार कर लेते हैं। अगर युवती तैयार हो जाती है तो धर्म परिवर्तन कराने के बाद उनके साथ अनैतिक व्यवहार किया जाता है। तब तक जब तक वे लोगों की बात न मान लें। अगर युवती तैयार नहीं होती तो उसके साथ मारपीट की जाती है, उत्पीड़न किया जाता है और तब तक उत्पीड़न होता है, जब तक वह कहे गए काम के लिए तैयार नहीं हो जाती है।

कहां से हो रही है फंडिंग

एसआईटी को जो नंबर मिले हैं, उनके आधार पर टीम ये पता कर रही थी कि आखिर इन लोगों को फंडिंग कहां से की जा रही है? कुछ पॉजिटिव जानकारी टीम को मिली भी थी। इन नंबरों की सीडीआर तो निकल आई लेकिन इन नंबरों का एड्रेस नहीं मिल पाया। कॉल डिटेल में जो नंबर सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। इन नंबरों पर भी कानपुर क्राइम ब्रांच काम कर रही है। दरअसल ये सिम प्रि-एक्टिवेटेड थे और किसी दूसरे की आईडी पर जारी किए गए थे। इन सिमों के इस्तेमाल करने वालों की तलाश के लिए जांच कर रही टीम इनके बी और सी कंज्यूमर को तलाश रही है। जो टीम के हाथ नहीं लगे हैं।

कई जिले टारगेट पर

कानपुर, बिंदकी, फतेहपुर, खागा, कानपुर देहात, पुखरायां, औरैया समेत एक दर्जन जिले एसआईटी के टारगेट पर हैं। इन जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। एसआईटी इन जिलों की सारी जानकारी लोकल पुलिस से कलेक्ट कर इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पकड़े गए लोगों से भी पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

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शासन के आदेश से एसआईटी का गठन किया गया है। जल्द ही पूरी टीम कानपुर में इकट्ठा होकर इस मामले में इविडेंस कलेक्ट करेगी।

हरी राम शर्मा, एडीजी (प्रभारी एसआईटी)

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इस तरह काम करेगी एसआईटी

-सभी थानों से गुमशुदा युवाओं की जानकारी मांगी

-व्यक्ति कब गुम हुआ? तलाश के क्या प्रयास किए

-आखिर इसकी तलाश क्यों बंद कर दी गई

-इसकी जानकारी किन-किन अधिकारियों को है

-इनवेस्टिगेशन का लास्ट प्वाइंट क्या था?

-परिजनों और रिश्तेदारों के मोबइल नंबर लिए जाएंगे

-चेक किया जाएगा कि परिवार के संपर्क में तो नहीं

-कोई संदिग्ध नंबर मिलता है तो सर्विलांस पर डाला जाएगा