- सीएए के विरोध में शहर में हुए बवाल से सबक लेते हुए स्मार्ट सिटी के तहत की गई तैयारी

- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पीटीजेड कैमरे रखेंगे नजर, मिश्रित आबादी वाले एरियाज की खास निगरानी

KANPUR: सिटी में पिछले साल दिसंबर-ख्0क्9 में सीएए व एनआरसी के विरोध में हुए बवाल दोबारा न हो इसके लिए अब टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का यूज कर मॉब को कैमरे आसानी से आइडेंटिफाई कर सकेंगे और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में अलर्ट जारी करेंगे। इसके साथ ही मॉब में हर एक व्यक्ति को पहचाना भी जा सकेगा। स्मार्ट कैमरों को नई लर्निग्स के जरिए और एडवांस किया जा रहा है।

एक साथ बढ़ने वाली भीड़ को

सिटी के व्यस्त चौराहों पर यूं तो बहुत भीड़ होती है, लेकिन ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के थ्रू एक साथ बढ़ने वाली भीड़ को आइडेंटिफाई किया जा सकेगा। पीटीजेड कैमरा तत्काल हेड काउंट कर एक साथ बढ़ने वाले मॉब को पहचान लेगा। इसके अलावा अनएक्सपेक्टेड ऑब्जेक्ट को भी आसानी से पहचाना जा सकेगा। चौराहे पर कोई भी संदिग्ध सामान अगर क्0 मिनट तक वहीं रखा रहेगा, तो कैमरा उसकी रिकॉर्डिग शुरू कर देगा और कमांड सेंटर को अलर्ट कर देगा।

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इन हालातों में ये कैमरे बेहद कारगर

बता दें कि सीएए के विरोध में घनी गलियों से अचानक हजारों की भीड़ यतीमखाना चौराहा पर आ गई थी और बवाल हो गया था। पुलिस और इंटेलीजेंट के लोगों को भी मॉब की कोई लोकेशन नहीं मिल पाई थी। ऐसे हालातों में ये कैमरे बेहद काम आएंगे। स्मार्ट सिटी के तहत पीटीजेड कैमरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के एडवांस सॉफ्टवेयर की मदद से इनको और इंटेलीजेंट बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। स्मार्ट सिटी सीईओ के सामने इसका प्रेजेंटेशन करने के बाद लागू करने की प्लानिंग की गई है।

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ट्रैफिक कंट्रोल में भी मिलेगी हेल्प

स्मार्ट सिटी के आईटी मैनेजर राहुल सब्बरवाल के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके तहत मॉब को पहचानने के अलावा इसकी मदद ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी मिलेगी। इसमें भीड़ में शामिल हेड को गिना जाएगा। इसके साथ भीड़ के रूप में आ रहे लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के थ्रू कैमरे सेंस कर लेंगे और अलर्ट देंगे।

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मिली जुली आबादी में खास नजर

स्मार्ट सिटी सोर्सेज के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के थ्रू उन एरियाज में खास मॉनिटरिंग और निगरानी की जाएगी जहां मिश्रित आबादी है। इसके अलावा यहां कैमरों की संख्या भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। सीएए के विरोध में हुए बवाल में उपद्रवियों को पहचानने में स्मार्ट सिटी के कैमरों ने खास रोल निभाया था। इनके जरिए सैकड़ों उपद्रवियों को आईडेंटीफाई किया गया था।

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एक्सीडेंट में भी मिलेगी मदद

स्मार्ट सिटी आईटी मैनेजर के मुताबिक कैमरों को नई-नई लर्निग दी जा रही है। इसकी ट्रेनिंग भी लगातार चल रही है। पीटीजेड कैमरा हर भ् सेकेंड में मूव होता है, लेकिन अगर कैमरे की जद में कोई एक्सीडेंट होता है तो कैमरा उसको खुद सेंस करेगा और उसकी रिकॉर्डिग शुरू कर अलर्ट जारी करेगा। इसके अलावा चोरी व एक्सीडेंट कर भागने वाली किसी भी गाड़ी का सर्विलांस आसानी से किया जा सकेगा।

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस है बेहद खास

इसमें खास सॉफ्टवेयर के जरिए मशीनों को इंसानी इंटेलीजेंस दिया जाता है या यूं कहे कि कैमरों के दिमाग को इतना उन्नत किया जाता है की वो इंसानों के तरह सकें और काम कर सके। ये खासकर कंप्यूटर सिस्टम में ही किया जाता है। इसमें मुख्य फ् प्रॉसेस होते हैं।

क्। लर्निग- इसमें मशीनों के दिमाग में इंफॉर्मेशन डाली जाती है और कुछ रूल्स भी बनाए जाते हैं। जिससे वो मशीन रूल्स का पालन करते हुए किसी दिए हुए कार्य को पूरा करे।

ख्। रिसनिंग- इसके अंतर्गत मशीनों को ये इंस्ट्रक्शन दी जाती है कि वो उनके बनाए सभी रूल्स का पालन करे और उसका शत प्रतिशत रिजल्ट दे, जिसके रूल्स बनाए गए थे।

फ्। सेल्फ करेक्शन- मशीनों को दी गई कई तरह की लर्निग के बाद सॉफ्टवेयर के जरिए खुद फैसले लेती है। लर्निग के बाद इंसानों के तरह मशीन सोच कर अलर्ट भी दे सकती है।

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स्मार्ट सिटी के तहत इन चौराहों पर कैमरे

-जरीबचौकी, रावतपुर, परेड, बड़ा चौराहा, सद्भावना चौकी चौराहा, ईदगाह चौराहा, टाटमिल चौराहा, अफीमकोठी, फूलबाग, लालइमली, चुन्नीगंज, गोल चौराहा, वीआईपी रोड, हलीम कॉलेज चौराहा, विजय नगर, चुन्नीगंज, नवाबगंज, फजलगंज समेत अन्य।

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए आरएलवीडी कैमरों से मॉब को पहचाना जा सकेगा। कानपुर में पूर्व की हिंसक घटनाओं से सबक लेकर इस पर तेजी से काम किया गया है।

- राहुल सब्बरवाल, आईटी मैनेजर, स्मार्ट सिटी।