-इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के दो गुटों के बीच हुई जमकर मारपीट, एक घंटे तक चलता रहा उपद्रव

- कई आउटसाइडर भी थे शामिल, वीसी ने बनाई जांच कमेटी, कहा, निष्कासित होंगे दोषी

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KANPUR : सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कैम्पस में बीटेक स्टूडेंट्स के दो गुटों के बीच मंगलवार को जमकर मारपीट हुई। दोनों तरफ से हाकी-डंडे चले जिसमें चार छात्र जख्मी हो गए हैं। घटना दोपहर साढ़े 12 बजे की। घायल स्टूडेंट्स का इलाज यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज में किया गया।

कैंटीन के सामने घेरा

ट्यूजडे को क्लास खत्म होने के बाद छात्रों के दो गुटों में कैंटीन के सामने विवाद हो गया। देखते ही देखते मारपीट शुरू होने से भगदड़ मच गई। बीच-बीचबचाव में आए छात्र भी मारपीट का शिकार हुए। केमिकल इंजीनिय¨रग फ‌र्स्ट ईयर के छात्र प्रशांत चौबे व बीच बचाव करने में एमएसएमई फ‌र्स्ट ईयर के छात्र शास्वत शुक्ला, आईटी फ‌र्स्ट ईयर के छात्र अनंत चौबे व केमिकल लास्ट ईयर के छात्र दिव्यांशु कुमार जख्मी हो गए।

ऑनलाइन क्लास से शुरुआत

प्रशांत ने बताया कि केमिकल इंजीनिय¨रग फ‌र्स्ट ईयर के छात्र आयुष मिश्रा के साथ गाड़ी भर कर आउटसाइडर कैम्पस में घुस गए। क्लास ओवर होने के बाद जैसे ही बाहर निकले, कैंटीन के पास उन्हें घेर लिया गया। जब तक कुद समझ पाते, इससे पहले ही उन लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। पुलिस को पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार बीटेक के इन दोनों छात्र गुटों के बीच खुन्नस ऑनलाइन क्लास के दौरान शुरू हुई। दोनों एक दूसरे पर कमेंट पास करते थे। जब कॉलेज खुला तब यह खुन्नस और बढ़ गई। ट्यूजडे को क्लासओवर होने के बाद छात्रों के बीच इसी को लेकर मारपीट हुई।

परिजनों को भेजे गए लेटर

पूछताछ में पुलिस के सामने विक्रांत, सुधांशु यादव, शिवम, परमात्मा चौबे के नाम भी सामने आए हैं। जख्मी छात्रों के अलावा इन छात्रों के पैरेंट्स को भी यूनिवर्सिटी प्रशासन पत्र भेज रहा है। वीसी प्रो। विनय पाठक ने इस मामले में यूआईईटी की डायरेक्टर डा। वृष्टि मित्रा व चीफ प्रॉक्टर प्रो। संजय स्वर्णकार को कमेटी बनाकर जांच करने को कहा है। दोषी छात्रों को हॉस्टल व कालेज से निष्कासित किए जाने के निर्देश दिए हैं। प्रो। पाठक ने साफ कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एफआइआर दर्ज कराई जाए।

पहचान के िलए गेट बंद

सुरक्षा अधिकारी डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि कार से जो छात्र विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए उनका आइडेंटिटी कार्ड सिक्योरिटी गार्ड ने चेक किया था। सब ने अपना पहचान पत्र दिखाया था उसके बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया था। मारपीट की घटना के बाद कुछ समय के लिए गेट बंद कर दिया गया था जिससे अराजक तत्वों की पहचान हो सके।