- पुरानी ओटीपी और पुरानी ईको लैब में लगी आग, ऑक्सीजन पाइप निकालकर भागे मरीज

- फायर एक्सटिंगयूसर से पाया गया आग पर काबू, कुछ देर हो जाती तो दोहरा जाती संडे की घटना

kanpur : लक्ष्मीपत सिंघानिया हृदय रोग संस्थान कॉर्डियोलॉजी अस्पताल में संडे की सुबह आग लगने की घटना के दो दिन बाद फिर आग भड़कने से दहशत फैल गई। ट्यूजडे तड़के दो बार भड़की आग से अफरा तफरी का माहौल बन गया। पहले इमरजेंसी वार्ड के एसी में आग लगने पर सभी आठ मरीजों को तत्काल शिफ्ट कराया गया। इसके करीब तीन घंटे बाद ही रूम नंबर एक में शॉर्ट सíकट से आग लग गई। हालांकि अस्पताल स्टॉफ ने आनन फानन फायर एक्सटिंगयूसर से आग पर काबू पा लिया। मौके पर दो फायर ब्रिगेड की गाि1ड़यां पहुंचीं।

वार्ड में भर गया धुआं

फायर विभाग के मुताबिक ट्यूजडे भोर करीब पौने चार बजे इमरजेंसी वार्ड में केबिन की छत पर लगे एसी व ट्यूबलाइट के पास शॉर्ट सíकट से आग लग गई। ट्यूबलाइट फटने से हुई तेज आवाज से मरीजों और उनके तीमारदारों में दहश्त दिखाई दी। तेज धुआं उठने पर स्टाफ को जानकारी हुई। इस पर स्टॉफ ने चार मरीजों को जनरल वार्ड और बाकी चार मरीजों को एसबीयू वार्ड में शिफ्ट कराया। इस बीच अस्पताल कर्मियों ने फायर एस्टिंग्यूशर की मदद से आग बुझाई। इस बीच सूचना पर दमकल गाड़ी भी पहुंची लेकिन तब तक आग बुझ्ा चुकी थी।

दमकल जाने के बाद फिर भड़की आग

अस्पताल से दमकल गाड़ी जाने के बाद करीब सात बजे फिर रूम नंबर एक में स्थित पुराने आईसीयू में पर्दे में आग लग गई। कर्मचारी की नजर पड़ी तो तुरंत पानी डालकर बुझाया। लाटूश रोड फायर स्टेशन के एफएसओ सुरेंद्र चौबे ने बताया कि कॉíडयोलॉजी हॉस्पिटल में ट्यूजडे सुबह फिर आग लगने की सूचना मिली थी लेकिन दमकल पहुंचने से पहले ही स्टाफ ने खुद ही आग पर काबू पा लिया। इमरजेंसी वार्ड में आठ मरीज थे, जिन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। आग से कोई नुकसान नहीं हुआ है।

होने लगी एसी और वायरिंग की मरम्मत

संडे को लगी आग में करीब चार करोड़ का नुकसान हो गया था। जबकि ट्यूजडे को लगी आग से लाखों का नुकसान होने की बात कही जा रही है। घटना के तीसरे दिन इलेक्ट्रिकल वायर्स की मरम्मत का काम शुरू किया गया। अन्य चीजों को ठीक कराने की भी कवायद चल रही है।

पेशेंट और तीमारदार की जुबानी

कल्याणपुर कलां निवासी मीना ने बताया कि उनके पति राजकुमार मिश्र इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थे। उनकी तीमारदारी में वे और उनकी बेटी आंचल अस्पताल में थीं। रात साढ़े तीन बजे के आस पास अचानक एसी के फैन से धुआं वार्ड में भरने लगा। खिड़कियों पर कांच की मोटी ब्रिक्स लगने की वजह से धुआं बाहर नहीं निकल पा रहा था। जिसकी वजह से मरीजों का दम घुटने लगा। किसी तरह वे और उनकी बेटी पति को लेकर बाहर आईं।

दहशत में मरीज और तीमारदार

गाजीपुर निवासी बृजनारायण 26 मार्च को भर्ती हुए थे। बृजनारायण से मुताबिक रात लगभग तीन बजे के आस पास आग लगी थी। जिसके बाद अफरा तफरी का माहौल हो गया। किसी तरह से वार्ड में मौजूद लोग उन्हें और दूसरे मरीजों को लेकर ऊपरी मंजिल स्थित वार्ड में पहुंचे। काफी देर बाद उनकी हालत सामान्य हुई।

पुराने ईको रूम में किसी ने डस्टबिन में सिगरेट या बीड़ी का टुकड़ा डाल दिया था, जिससे आग लग गई थी। दूसरी घटना में ट्यूबलाइट फटने से आग की घटना हुई थी। फायर ब्रिगेड के आने से पहले ही आग पर काबू पा लिया गया था।

विनय कृष्णा, डॉयरेक्टर, कार्डियोलॉजी

अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों से आग लगने की वजह तलाशी जा रही है। फायर एक्सटिंगयूसर से आग पर काबू पा लिया गया था।

एमपी सिंह, सीएफओ कानपुर