- फर्जी हलफनामा लगा लाइसेंस बनवाने का अपराध सिद्ध हुआ

- फर्जी आईडी पर सिम लेकर दुर्दात दुबे की मदद की गई

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KANPUR : चौबेपुर के बिकरू कांड में शासन से गठित तीन सदस्यीय एसआईटी की जांच के बाद हर दिन एक नया मोड़ सामने आ रहा है। तत्कालीन डीआईजी/एसएसपी अनंत देव तिवारी के अपराधियों से करीबी रिश्ते होने के बाद निलंबित कर दिए गए। एसआईटी के निर्देश पर दुर्दात दुबे के कुनबे पर बड़ी कार्रवाई हुई है। चौबेपुर थाने में थर्सडे को विकास दुबे के पिता, भाई और उसकी पत्‍‌नी समेत 18 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया।

दो मामलों में एफआईआर

एक एफआईआर फर्जी आईडी पर सिम लेने और दूसरी एफआईआर फर्जी शपथ देकर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में दर्ज की गई हैं। केस में खुशी दुबे का भी नाम है। उस पर फर्जी आईडी पर सिम लेने का आरोप है। पुलिस ने ये कार्रवाई एसआईटी की सिफारिश पर की है। विकास दुबे का भाई दीपक, शिव तिवारी और विष्णुपाल उर्फ जिलेदार दोनों मामलों में आरोपी है।

फर्जी शपथ पत्र लगा लिया था शस्त्र लाइसेंस

फर्जी शपथ पत्र लगाकर शस्त्र लाइसेंस लेने वाले नौ आरोपियों पर केस दर्ज हुआ है। इसमें विकास दुबे के पिता रामकुमार दुबे, भाई दीपक दुबे उर्फ दीप प्रकाश, दीपक की पत्‍‌नी अंजलि दुबे, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार, अमित उर्फ छोटे बउवा, दिनेश कुमार, रवींद्र कुमार, अखिलेश कुमार और आशुतोष त्रिपाठी उर्फ शिव त्रिपाठी शामिल हैं। एसपी ने बताया कि इस केस में धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं।