- चौबेपुर थाने का पूर्व एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को किया गया अरेस्ट, पुलिस पर हमले की साजिश में शामिल होने को लेकर चलेगा केस

KANPUR: चौबेपुर के बिकरू गांव में जो कानून के पहरेदार थे अब वो खुद अब कानून के शिकंजे में हैं। कई पुलिसकर्मियों के सस्पेंशन और चौबेपुर थाने का पूरा स्टाफ बदलने के बाद अब गद्दारों को सलाखों के पीछे भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से पुलिस टीम के पहुंचने की मुखबिरी करने में वेडनसडे को निलंबित किए गए तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। हत्याकांड के बाद से ही एसटीएफ और पुलिस के आलाअधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे थे। पहले विनय तिवारी उसके बाद दरोगा केके शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार ने दोनों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दोनों ने दबिश की सूचना गैंगस्टर विकास दुबे को दी गई। इस वजह से इतनी बड़ी घटना हुई। इस मामले में उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। जिससे दोबारा कोई ऐसा करने की न सोचे।

अब मिलेगी गद्दारी की सजा

यूपी में पुलिसकर्मियों पर बीते दो दशकों में हुए सबसे बड़े प्राणघातक हमले में अब पुलिस सबसे बड़ी कार्रवाई भी करने जा रही है। हत्याकांड में पुलिस की मुखबिरी की जांच शुरू होते वक्त ही आला पुलिस अधिकारियों ने कह दिया था कि अगर आरोप सही मिलते हैं तो संलिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ जो कार्रवाई होगी वह नजीर बनेगी। इसी के तहत आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने भी कहा था कि संलिप्तता मिलने पर पुलिस कर्मी की नौकरी से बर्खास्तगी के साथ उस पर हत्या का मुकदमा भी चलेगा।

जांच में मिले मिलीभगत के सबूत

आलाधिकारियों ने जैसा कहा उसी क्रम में जांच और कार्रवाई शुरू हुई। सबसे पहले चौबेपुर एसओ रहे विनय तिवारी को हिरासत में ले लिया गया। उसे सस्पेंड किया गया। इसके बाद दरोगा केके शर्मा समेत दो दारोगा और एक सिपाही को सस्पेंड किया गया.ट्यूजडे को पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया। वेडनसडे को जांच में पूर्व एसओ और दरोगा के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। शाम को दोनों को हथकडि़यों के साथ कानपुर कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज ि1दया गया।

कृपा पा˜ा था विनय

चौबेपुर थाने का एसओ रहा विनय तिवारी पूर्व एसएसपी का विशेष कृपा पात्र था। यही वजह थी कि उसकी कारस्तानियों के बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय पुलिस कर्मियों के मुताबिक चौबेपुर क्षेत्र में चलने वाले एक बड़े जुएं की फड़ सही से चले उसके लिए हर महीने एग्जाई का मोटा पैसा एसओ को मिलता था। विनय तिवारी शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की नजर में इन्हीं गतिविधियों के बाद से चढ़ गया था। विकास दुबे से उसके संबंधों पर सीओ ने चेतावनी के लहजे में पत्र भी लिखा,लेकिन उसे भी तत्कालीन कप्तान ने नजरअंदाज कर दिया। पनकी में सीआईएसएफ के एएसआई की हत्या आरोपियों को पकड़ने के मामले में उसे ईनाम अलग दिया।