-कामन हेडर लाइन टूटने से 258 टेनरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त करोड़ो लीटर पानी बिना ट्रीटमेंट के जा रहा गंगा में

- यूपीपीसीबी नहीं बंद करा पाया टेनरियों को, अधिकारियों की कमी का रोना रो रहा, हेडर लाइन की मरमम्त का काम तेज

KANPUR: पीएम मोदी और सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के कारण गंगा सफाई को लेकर कागजों और बातों में जितनी सख्ती दिखाई जाती है, हकीकत उससे कोसों दूर है। हाल ये है कि चकेरी में प्योंदी गांव के पास कामन हेडर लाइन टूटने से टेनरियों से आने वाले केमिकल युक्त पानी का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है। इस वजह से 258 टेनरियों से निकलने वाला करोड़ो लीटर गंदा सीवेज सीधे गंगा में जा रहा है। वहीं टेनरियां बंद कराने में नाकाम यूपीपीसीबी अधिकारियों की कमी का रोना रो रहा है। इस बीच संडे को भी करोड़ों लीटर सीवेज एयरफोर्स नाले के रास्ते सीधे गंगा में समाता रहा।

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- फ्राईडे से लाइन टूटने के बाद 36 एमएलडी सीईटीपी में ट्रीटमेंट का काम प्रभावित

- 36 में से 9 एमएलडी यानी 90 लाख लीटर गंदा पानी टेनरियों से निकलता है

- 258 टेनरियों से निकलने वाला करोड़ो लीटर गंदा सीवेज सीधे गंगा में जा रहा है।

- 5 करोड़ लीटर क्रोमियम व अन्य खतरनाक केमिकल युक्त पानी इन टेनरियों से निकलता

नहीं ट्रीट हो रहा गंदा पानी

फ्राईडे से लाइन टूटने के बाद से 36 एमएलडी सीईटीपी में ट्रीटमेंट का काम प्रभावित हो गया। 36 में से 9 एमएलडी यानी 90 लाख लीटर गंदा पानी टेनरियों के लिए है। जिसे ट्रीटकर कामन हेडर लाइन में भेजा जाता है। वहीं यूपीपीसीबी में दो अधिकारियों के ट्रांसफर की वजह से टेनरियों की बंदी में भी प्रॉब्लम आ रही है। ऐसी स्थिति में कम से कम 5 करोड़ लीटर टेनरियेां का गंदा पानी और सीवेज सीधे गंगा में गिर रहा है। बोर्ड रीजनल आफिसर डॉ.एसबी फ्रैंकलिन के मुताबिक टेनरियों का गंदा पानी अब एयरफोर्स नाले के रास्ते सीधे गंगा में जा रहा है। टेनरियां बंद कराने की कोशिश की जा रही है। साथ ही कामन हेडर लाइन की मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है।