टीम अन्ना की ओर से लीडर्स के अगेंस्ट किए गए कमेंटस को लेकर पार्लियामेंट में पोस्ट लंच सेशन शुरू होते ही रूलिंग और अपोजीशन पार्टी के लोगों ने मिलकर टीम अन्ना पर जमकर निशाना साधा। अब लोकसभा टीम अन्ना के अगेंस्ट प्रस्ताव पारित करेगी।

जद (यू) लीडर शरद यादव ट्यूजडे को इससे रिलेटेड रेज्युनलेशन को हाउस के सामने प्रेजेंट करेंगे। इस मामले पर टीम अन्ना  के मेंबर अंरविंद केजरीवाल ने स्टेटमेंट दिया है कि उन लोगों का पार्लियामेंट को डिग्रेड करने का कोई इरादा नहीं था। वह जानते हैं कि ज्यादातर एमपी अच्छे ही हैं। उनका मूवमेंट केवल उन करप्ट लोगों को सामने लाना है जो करप्शन को बढ़ावा दे रहे हैं. 

 

उन्हों ने कहा, संसद में जिस तरह का लोकपाल बिल पेश किया गया है, उससे ऐसा लगता है कि लोकपाल बिल का मजाक उड़ाया गया है। उन्हों ने कहा, अगर हमें हाउस पनिश करता है तो हम उसे एक्सेप्ट करेंगे लेकिन सांसदों को इस पूरे मसले पर गंभीरता से सोचना चाहिए. 

सांसद हुए नाराज

 

कांग्रेस एमपी संजय निरुपम ने अन्ना हजारे के मूवमेंट को डेमोक्रेसी के अगेंस्ट बताते हुए कहा कि वह भटक गए हैं और नॉन पार्लियामेंट्री लेंग्वेज यूज कर रहे हैं.  उनके हिसाब से इस सारे मूवमेंट के पीछे फारेन पॉवर्स का हाथ है।

शरद यादव ने बहुत दुख से कहा कि वह सारी जिंदगी गरीबी के शिकार लोगों के लिए काम करते रहे और उन्हें ही गलत बताया जा रहा है। दरअसल खुद अन्ना अपनी गलतियों को छुपाने के लिए पार्लियामेंट को इंसल्ट कर रहे हैं.  

बीजेपी लीडर सुषमा स्वराज ने भी अन्ना के मूवमेंट और उनकी टीम को टारगेट करते हुए कहा कि वह अपने  से भटक विषय से भटक गए हैं।

संडे को जंतर मंतर पर अन्ना के एक दिन के अनशन के दौरान उनकी टीम ने पार्लियामेंट में हुई लोकपाल पर बहस के कुछ पार्ट दिखाए जिसमें शरद यादव का स्टेटमेंट दिखाया जब वह कह रहे थे कि लोकपाल आ गया तो ऑफिसर और पार्लियामेंट सबके ऊपर होगा, इस पर टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसौदिया बोले, 'चोर की दाढ़ी में' और जनता ने जवाब दिया 'तिनका.' इसी स्टेटमेंट के बाद से ही सारा हंगामा शुरू हो गया।

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